छात्रों की प्रमुख मांगों में आंसरशीट की रि-चेकिंग शामिल हैं। छात्रों का कहना है कि द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ICAI) द्वारा आयोजित सीए की परीक्षा में रि-चेकिंग की सुविधा नहीं है। इससे पहले आंसरशीट मंगाने के बाद किसी अन्य व्यक्ति को दिखाने तक की इजाजत नहीं थी। अभी हाल ही में आसंरशीट मंगाकर शेयर करने की इजाजत मिली है, जिसके बाद कई गलतियां सामने आ रही है।
रायपुर में पढ़ाई करने वाले छात्रों ने जब अपनी आंसरशीट मंगाई तो उन्हें भी यह गलतियां पकड़ में आई। छात्रों के इस आंदोलन में राष्ट्रीय स्तर पर समन्वयक की भूमिका निभाने वाले राजधानी के सीए मयंक लोहाना ने बताया कि हमने अपनी मांग आईसीएआई तक पहुंचा दी है, वहीं रायपुर स्थित आईसीएआई की शाखा में चेयरमेन सीपी भाटिया के समक्ष मांग रखी है। हमे आश्वासन मिला है कि शीघ्र ही मांगों पर विचार किया जाएगा।
4 करोड़ को 400 लाख लिखा तो गलत
सीए की तैयारी कराने वाले शिक्षक मयंक लोहाना ने बताया कि उनके इंस्टीट्यूट में भुवनेश्वर के एक छात्र रामाकिशोर इत्तला ने परीक्षा दी थी, जिसके बाद उन्होंने जब अपनी आंसरशीट मंगाई तो चेकिंग के दौरान गलती पकड़ में आई। छात्र ने 4 करोड़ को 400 लाख लिख दिया, जिसके बाद यह आंसर गलत साबित हुआ। 400 नंबर के पेपर में इस छात्र को 191 नंबर मिला, वहीं पास होने के लिए न्यूनतम 200 नंबरों की जरूरत थी। यदि यह रे-चेकिंग होता तो छात्र पास हो सकता था।
हर साल 50 हजार छात्र होते हैं शामिल
परीक्षा में प्रदेश से हर साल लगभग 50 हजार छात्र शामिल होते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा छात्र रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, जगदलपुर आदि शहरों के छात्र शामिल होते हैं। हर साल मई और नवम्बर महीने में यह परीक्षा होती है। आईसीएआई के प्रदेश में रायपुर, भिलाई और बिलासपुर में ब्रांच ऑफिस संचालित है। यही से परीक्षा आयोजन की मॉनिटरिंग की जाती है।