डर अब बन गया पैशन
देव कुमारी साहू बताती हैं कि जब मैं छोटी थी तो मेरे बड़े भाई इस गेम खेलने के लिए जाया करते थे। मैं भी उनके साथ देखने के लिए जाया करती थी। पहली बार जब पानी में कयाकिंग करते देखा तो मुझे बहुत डर लगा। लेकिन भैय्या के मोटिवेशन से मैंने तैरना शुरू किया और इस गेम को ज्वाइन किया। मैं नेशनल लेवल में कई कॉम्पिटीशन में पार्टीसिपेट कर चूंकी हूं, जिसमें कई मैडल भी अपने नाम किया। जनवरी 2018 में भोपाल नेशनल लेवल कयाकिंग टूर्नामेंट में पार्टीसिपेट किया। जिसमें मुझे सिल्वर मेडल लगा। इसके अलावा इंदौर, केरला आदि जगह पर भी परफार्म किया है।
इंटरनेशनल में लाना है गोल्ड
स्वाति साहू बताती हंै कि वह पांच साल से कयाकिंग कर रही हैं। स्टेट लेवल में तो कई टूर्नामेंट में पार्टीसिपेट कर चुकी हूं। जिसमें कई मैडल भी हासिल किए हैं। इसके साथ ही भोपाल में आयोजित नेशनल लेवल टूर्नामेंट में ब्रांज मेडल जीत चुकी हूं। यह मेरा नेशनल का पहला मेडल है। मैं इस गेम में छत्तीसगढ़ की आेर से इंटरनेशनल लेवल पर पार्टीसिपेंट कर गोल्ड मैडल अपने नाम कर पूरे प्रदेश का नाम रोशन करना चाहती हूं।