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सबके जतन करइया मिनीमाता

locationरायपुरPublished: Aug 17, 2018 06:30:37 pm

Submitted by:

Gulal Verma

1952 म छत्तीसगढ़ के पहिली महिला सांसद सदस्य बन के मिनीमाता दिल्ली पहुंचिस

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सबके जतन करइया मिनीमाता

मा तामन के किरपा छत्तीसगढ़ उपर सदा दिन रिहिस। ऐहा भगवान राम के महतारी कौसिल्या माता के जनमभूमि आय। छत्तीसगढ़ के चारों मुड़ा माता बिराजे हें। मिनीमाता ल छत्तीसगढ़ म महतारी मिनीमाता केहे जाथे। गुरु गोसाई अगमदास बबा के जीवन-साथी मीनाक्छी देवी ह मिनीमाता कहइस। वोकर नाना अघारी सतनामी ह अकाल-दुकाल म असाम चलदिस। उहें मीनाक्छी देवी के जनम होइस। पढि़स लिखिस। बाद म अगमदास बाबाजी के संग छत्तीसगढ़ फेर लहुटिस अउ मिनीमाता कहइस।
1952 म छत्तीसगढ़ के पहिली महिला सांसद सदस्य बन के मिनीमाता दिल्ली पहुंचिस। तब देस ल अजाद होय पांच बछर होय रिहिस। देस के संविधान बनिस। समता अउ एकता के चलन चलिस। छत्तीसगढ़ म डाक्टर खूबचंद बघेल अउ पंडित सुन्दरलाल सरमा समता के रद्दा म रेंगे के पाठ पढ़ावत आगू बढिऩ। मिनीमाता पहिली महिला सांसद के रूप म दिल्ली म गरजिस त इंदिराजी के धियान वोकर कोती गीस। इंदिरा गांधी मिनीमाता ल गजब मान दीस।
मुंगेली इलाका के एक गांव म जब सतनामीमन उपर अतियाचार होइस त मिनीमाता देस ल जगा दिस। तब ले छत्तीसगढ़ म लगातार मेल-जोल कर काम करइयामन मिनीमाता के बताय रद्दा म चले के नवा चलन चलइन। मिनीमाता सिरिफ सतनामी समाज बर काम नइ करिस। वोकर किरपा सबो उपर रिहिस। केयूरभूसन मिसरा महराज ह मिनीमाता के सच्चा सपूत रिहिस। अपन नाव म जात ***** मिसरा उपनाम ल हटा दीस। हजारों गुनिक बेटा-बेटी ल मिनीमाता के आसीरवाद मिलिस। वोमन नांव कमइन। देस के बड़का साहित्यकार सिरीकांत वरमा मिनीमाता के घर दिल्ली म रहिके सुरुवात म लिखिस-पढि़स। आगू चल के वोहा राज्यसभा सदस्य घलो बनिस। मिनीमाता ह संसद सदस्य होय के बाद घलो छत्तीसगढ़ के साधारन गरीबहा दाई-माईमन सांही पहिरय-ओढय़। वोहा छत्तीसगढ़ ल नवा पहिचान दीस। सरलता, सिधवापन अउ सबला मान देवइया छत्तीसगढ़ के नांव जगइस।
मिनीमाता ह अपन धरम ल छोड़के दूसर धरम ल कुछू पाय के लालच म जवइयामन ल रोकिस। मिनी माता ह सतनाम के महिमा बता के उनला समझाइस। 11 अगस्त 1972 के वोकर जिहाज ह पहाड़ी से टकरागे। छत्तीसगढ़ म अंधियारी छागे
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