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बंजारी दाई के ठांव हे बरगा म

locationरायपुरPublished: Jul 13, 2018 07:42:48 pm

Submitted by:

Gulal Verma

आवव मोर गांव

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बंजारी दाई के ठांव हे बरगा म

छत्तीसगढ़ के गांव-नगर म देवी-देवता के निवास रहिथे वइसने हमर गांव बरगा के बीच खार म बरगा – खरझिटी रद्दा म स्थित हे दाई बंजारी के धाम। जिहां मां जगदम्बे के साक्छात सरूप दाई बंजारी ह आज ले सौ बछर पहिली के बिराजमान हवय।
लीम के छइंहा म बिराजे बंजारी दाई बर बछर 2012-2013 म भव्य मंदिर बन गे हे। ऐकर संगे-संग जोत कुरिया घलो बनाय गे हे। बंजारी दाई के मंदिर म नागदेवी, नागदेव, बंजारी के अलग-अलग सुरूप, देवी-देवता के परतिरूप बने हे। जउन ह भगतमन के मन ल आस्थ ले जोरथे।
बंजारी धाम के आगू म आनी-बानी रूख-राई, पेड़-पउधा लगाय के हे। चइत अउ कुंवार दूनों नवरात परब म बंजारी दाई के अंगना म हजारभर जोत जलथे अउ जंवारा बोवाथे। रात- दिन मंदिर ह जगमगावत रहिथे। जिहां हजारों भगतमन रोज दरस खातिर आथें। अपन मनोकामना के पूरन बर दाई ले बिनती करथें। दाई के असीस पाथें।
फागुन पाख के तेरस के दिन दाई के दुवारी म भव्य मेला भराथे। जिहां राहस, फाग, जस जइसे आनी-बानी के मनोरंजन के जिनिस होथे। आस-परोस के कतकोन गांव के भगतमन आके आनन्द लेथें। ऐकर संग-संग हरेली, देवारी, होरी जइसन तीज तिहार म घलो बंजारी दाई के दुवारी ह भगतमन ले खचाखच भरे रथे। अइसन बंजारी दाई के कोरा म बसे गांव बरगा सिरतोन म पाबन अउ परबित हे।
फागुन पाख के तेरस के दिन दाई के दुवारी म भव्य मेला भराथे। जिहां राहस, फाग, जस जइसे आनी-बानी के मनोरंजन के जिनिस होथे। आस-परोस के कतकोन गांव के भगतमन आके आनन्द लेथें। ऐकर संग-संग हरेली, देवारी, होरी जइसन तीज तिहार म घलो बंजारी दाई के दुवारी ह भगतमन ले खचाखच भरे रथे। अइसन बंजारी दाई के कोरा म बसे गांव बरगा सिरतोन म पाबन अउ परबित हे।
फागुन पाख के तेरस के दिन दाई के दुवारी म भव्य मेला भराथे। जिहां राहस, फाग, जस जइसे आनी-बानी के मनोरंजन के जिनिस होथे। आस-परोस के कतकोन गांव के भगतमन आके आनन्द लेथें। ऐकर संग-संग हरेली, देवारी, होरी जइसन तीज तिहार म घलो बंजारी दाई के दुवारी ह भगतमन ले खचाखच भरे रथे। अइसन बंजारी दाई के कोरा म बसे गांव बरगा सिरतोन म पाबन अउ परबित हे।
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