छत्तीसगढ़ी लोककला के यातरा
रायपुरPublished: Jun 21, 2018 08:10:02 pm
सुरता म
छत्तीसगढ़ी लोककला के यातरा
लोककला ह लोकजीवन के झांकी होथे। छेत्र बिसेस के रहवइया जाति बिसेस के लोगनमन अपन-अपन सुख-दुख ल कतकोन किसम ले परगट करथे। ऐला लोककला मंचमन के माध्यम ले असानी ले देखे-सुने जा सकत हे। लोककला मंच के आज तक के सफर बहुचेत दिलचस्प अउ परेरनादायक हे। आज लोककला के रंग-रूप बदलत जावत हे। नवां-नवां लोगनमन नवां-नवां परयोग करत हें। तब हमर छत्तीसगढ़ के असन सपूत जउनमन चाहे गम्मत हो, संगीत हो अपन कला के माध्यम ले दूनों छेत्र ल नवां उंचई दीन।
दुरूग के तीर बघेरा के विद्वान दाऊ रामचंद देसमुख ह लोककला मंच के दयनीय हाल ल देख के वोकर बिकास बर ‘चंदैनी गोंदाÓ नांव के पहिली सफल सांस्करीतिक लोककला मंच के गठन करिस। ऐमा अंचल के जाने-माने संगीत, अभिनय रत्न अउ नाचा के कलाकारमन ल सकेलिस।
खुमान साव, महेस यादव, केदार यादव, किस्मत बाई देवार, साधना यादव, लछमन मस्तुरिया, भैयालाल हेडऊ जइसे कतकोन दिग्गजमन के मिहनत अउ कला साधना से दाऊजी के सपना चंदैनी गोंदा साकार होइस। संस्था के उद्घाटन परदरसन के समे विद्याचरन सुक्ल आय रहिस। चंदैनी गोंदा ल छत्तीसगढ़ म भरपूर पियार मिलिस। उही समे मतवारी गांव के रहइया अउ भटभेरा साज के परमुख, अपन समे के एकलौता कला साधक, कलाकार दाऊ महासिंह चंदराकर ह बड़े-बड़े लोककला मंच के सपना देखिस।
वो समे राजनांदगांव के आरकेस्टा ले केदार यादव, साधना यादव, भैयालाल हेडऊ, खुमान सावमन आय रहिन। जउनमन लोककला मंच के नवां-नवां परयोग करिन। दाऊ महासिंह चंदराकर, केदार भइया करा सोनहा बिहान के संगीतकार के परस्ताव रखिस। जेन ल अपन परिकल्पना ल सुवतंत्र रूप ले साकार करे बर केदार भइया सोनहा बिहान के संगीतकार होगे। एक ले सेक गीत छत्तीसगढ़ के जाने माने कवि, साहित्याकर के रचना जइसे- पवन दीवान, रविसंकर सुक्ल, दाऊ मुरली चंदराकर के सुग्घर मनमोहक गीत ल केदार भइया अपन संगीत ले सजाइस।
लोककला अउ लोक संगीत के बिकास यातरा म ए सबो कलाकारमन के बहुचेत योगदान रिहिस। दाऊ रामचंद देसमुख अउ दाऊ महासिंग चंदराकर के योगदान ल कभु नइ भुलाय जा सकय। फेर, दूनों म फरक घलो रहिस। दाऊ रामचंद देसमुख ह अब्बड़ पढ़े-लिखे कला समीक्छक रहिस हे। जेहा लोककला मंच के इसतिथि ल सजाय, संवारे अउ बनाय बर ‘चंदैनी गोंदाÓ गठित करिस। जबकि दाऊ महासिंह चंदराकर ह खुदे नाचा के कलाकार रहिस हे। संगीत, अभिनय के हर छेत्र म वोकर पकड़ रहिस। वोहा खुदे नाच-गा के कलाकारमन ल सिखोवय। चंदैनी गोंदा, सोनहा बिहान, नवा बिहान के संगीत ह आजो लोगनमन के सुरता म बसे हे। धन्य हे अइसन कलाकार जेमन लोक संगीत अउ लोककला म नवां परान फुकीन।