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लोकसंगीत के महागुरु खुमान साव

locationरायपुरPublished: Sep 17, 2018 07:00:40 pm

Submitted by:

Gulal Verma

बिचार

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लोकसंगीत के महागुरु खुमान साव

ऐसो सिक्छक दिवस हमरमन बर सदा के लिए यादगार बनगे। चंदैनी गोंदा के संगीतकार खुमान साव के 89वां जन्म दिवस राजनांदगांव म पांच सितंबर के मनाय गीस। वोकर नागरिक सम्मान करे गीस। अइसन सम्मान देखब म नइ आवय। अपन सहर म सनमान पवई अउ कठिन होथे। खुमान साव ल दू बछर पहली संगीत नाटक अकादमी सम्मान मिले रिहिस। फेर, 2018 म छत्तीसगढ़ सरकार के मदराजी सम्मान वोला एकझन कलाकार संग जोड़ी बनाके दे गीस। खुमान साव वो सम्मान ल नइ झोंकिस । छत्तीसगढ़ सरकार के सम्मान दू लाख के रिथे।
आज तक कोनो लिखइया-पढ़इया कलाकारमन सम्मान ल लेब म हिचकिचाय नइये। खूमान साव कहिस- दूझन लनइ दे बर चाही। उही एक झन ल दे दव। मोला उही म संतोस हे। मदराजी दाऊ के रिस्तेदार खुमान साव ह मदराजी दाऊ के नांव ल जगइस। सम्मान ल साझा नइ करके वोकर मान अउ बढ़ा दीस। 89वां जनम दिवस म ये बात ल हमन केहेन। सनमान करें बर छत्तीसगढ़ के बड़े-बड़े कलाकार, लेखक अउ राजनांदगांव के महापौर मधुसूदन यादव पहुँचिस। चंदैनी गोंदा के गजब नांव हे। चंदैनी गोंदा के संगीत ह वोकर आत्मा ए। लछमन मस्तुरिया सहित छत्तीसगढ़ के नामी कविमन के गीत चंदैनी गोंदा म हे ।
कोदूराम दलित, रामरतन सारथी, प्यारेलाल गुप्त, द्वारिका परसाद तिवारी, नारायना लाल परमार, भगवती सेन, चतुरभुज देवांगन, राम कब्लाश तिवारी, रामेस्वर वैस्नव, मुकुन्द कौसल के गीत ल लेगीस। दस गीत लछमन मस्तुरिया के अकेल्ला रिहिस। मय छत्तीसगढिय़ा अंव, जय होवय तोर, मोर संग चलव, कड़क के बरसे बर परही, घाम बरसत हे, काबर समाये, तोरे बिना, पड़की मैना, ये गीत मन रिहिन । खुमान साव संगीत रच के अमर होगे। खुमान साव गुरुजी रिहिस।
सिक्छा विभाग के गुरुजी ह संगीत के महागुरु होगे। हरमुनिया ल खुमान साव ह बजइस नइ, जादू करिस। सुनइया सुध-बुध खो के सुनिन। रेडियो म जब गीतमन गजब बाजिस। छत्तीसगढ़ के गांव-गांव लोक संगीत अउ लोककला के सैंकड़ों मंच बनगे। सरलग चंदैनी-गोंदा ह छत्तीसगढ़ी लोकमंच के महिमा ल बढ़इस।
खुमान साव के जनम खुरसी टिकुल गांव के बने धनी-मानी साहू परिवार म होइस। पहली वोहा राजनांदगांव म आरकेस्ट्रा पाल्टी चलइस। फिलमी गीत म मन नइ भरीस । दाऊ रामचंद ल एकझन अइसे हरमुनिया मास्टर के तलास रिहिस जउन ह चंदैनी-गोंदा के सुगंध ल देस दुनिया म बगरा दय। खुमान साव के हरमुनिया ल सुनके दाऊ रामचंद देसमुख मगन होगे। अउ, खुमान साव के डंका लगिस बाजे। सरस्वती कला मंदिर, सारदा, राजभारती समितिमन म काम करें के बाद खुमान साव 7 नवम्बर 71 से चंदैनी-गोंदा के मंच म अवतरिस अउ सरलग संगीत दीस। 7 दिसम्बर 76 के दिन पांच बछर म ही चंदैनी-गोंदा के स्वर्ण जयन्ती मंचन होइस। ऐमा स्मारिका निकाले गीस, जेकर संपादन नरायन लाल परमार अउ तिरभुवन पांडे करिन। बड़ सुग्घर स्मारिका बनिस ।
पतिराम साव ह लिखिस के अइसे लगिस जाना माना चंदैनी-गोंदा ह छत्तीसगढ़ के आत्मा ल अखिल भारतीय मंच म पहुंचा दीस। चंदैनी-गोंदा के संचालन डॉ. सुरेस देसमुख ह गजब के करय, देखनी हो जय।
खुमान साव के सम्मान ह छत्तीसगढ़ी कला साधक के सम्मान ए । छत्तीसगढ़ के कलाकारमन बहुत बड़े गुन्निक होथे, ये बात ल हबीब तनवीर ह दुनिया म फइलाय हे। पंडवानी पंथी अउ भरथरी के अमर कलाकारमन ल दुनिया ह जानथे।
जब छत्तीसगढ़ के कला ल कोनो जादा महत्तम नइ दे जात रिहिस तब चंदैनी-गोंदा के संगीत ह दुनियाभर म फेइलिस। जनवादी लेखक संघ के राज्य सम्मेलन भेलइ म होय रिहिस। वोकर स्मारिका म चंदैनी-गोंदा के मुख्य कलाकार के फोटू हमन सम्मान सहित छापेन।
आजकल गांव ठेकवा म रहिथेंं कलाकार खुमान साव ह। 89 बरस के खुमान साव ल तीन पीढ़ी के कलाकारमन सम्मान दीन। वीरेन्द्र बहादुर ह संचालन करिस। वोहा सभा म रंग भर दीस। हमूमन विसेस रूप से गे रेहेन। लछमन मस्तुरिया ह आय रिहिस, जउन ह किहिस के खुमान साव ह सौ बछर जिही। हमूमन लछमन के बात ल सिरतोन पतियाथन। खुमान साव के सरीर भले चले जाही, फेर वोकर बनाय संगीत ह सौ नइ, जब तक संसार रिही तब तक रिही। अमर हे खुमान साव ह। कलाकारमन वोकर सम्मान म एक से एक नृत्य-गीत ल देखइन।
खैरागढ़ के कलाकार ज्योति पटेल ह अकेल्ला जउन कला देखइस तउन ल देखके सब चकित रहिगें। एक से एक कलाकार अइन अउ अपन गुरु के मान बढ़इन। अइसन कलाकर के नांव म जीते-जीयत कोनो बड़का जगा के नांव रख देय बर चाही। असम के बड़े पुल के नांव भूपेन हजारिका के नांव म हे। खुमान साव छत्तीसगढ़ के अनोखा कलाकार ए। राजनांदगांव के बिसेसता ल सब जानथें। अब पारी हे सही कलाकार ल भरपूर मान देय के।
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