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नवा बछर म नवा सुरूज के परघवनी

locationरायपुरPublished: Dec 31, 2018 07:15:51 pm

Submitted by:

Gulal Verma

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नवा बछर म नवा सुरूज के परघवनी

नवा बछर के सुरुवात म एक जनवरी के छत्तीसगढ़ के सपूतमन के सुरता आथे। चंदूलाल चंद्राकर, संत पवन दीवान, ताराचंद साहू, देवदास बंजारे अउ हिंदी छत्तीसगढ़ी के लेखक नरायन लाल परमार के सुरता जगा-जगा करे जाथे। इनकर जनमदिन एक जनवरी आय। ऐमन छत्तीसगढ़ के नाव जगभर म बगरइन। देवदास बंजारे ह पंथी के गीत अउ छत्तीसगढ़ के महान संत गुरु घासीदासजी के संदेस ल दुनियाभर म बगरइस। देवदास बंजारे ल गजब मान मिलिस। वोहा छत्तीसगढ़ के मान ल बढ़इस।
चंदूलाल चंद्राकर ह छत्तीसगढ़ राज बने के संकलप ल अपन पाल्टी के घोसना पत्र म सामिल करिस। छत्तीसगढ़ ह कइसे बांचही ए संसो जिनगीभर करइया नेता अउ बड़का लिखैया रिहिस चंदूलाल चंद्राकर ह। संत पवन दीवान ह छत्तीसगढ़ के पहिचान बर पहली लड़इया डॉ. खूबचंद बघेल के सेनानीमन म अघुवा रिहिस। छत्तीसगढ़ के अइसे कवि रिहिस जउन ह लाल किला म कविता सुना के छत्तीसगढ़ के डंका बजा दीस। ताराचंद साहू ह छत्तीसगढ़ के मान बर मंच बना के अपने जुन्ना दल के संग रार मोल लीस। छत्तीसगढ़ के सम्मान बर अपन आप ल दांव म लगा दीस। छत्तीसगढ़ी अउ हिंदी म लिख के छत्तीसगढ़ के नाव बगरइया नरायन लाल परमार ह धमतरी असन छोटे सहर म रहिके साहित्य साधना करिस। वोकर कविता ह वोकर अंतस के पहिचान अइसे कराथे।
अइसना बड़े-बड़े सपूतमन ल नवा बछर म सुरता करे जाथे। इहीमन के देखाय रद्दा म चलके किसान, गरीब जांगर ठठइयामन के सपना पूरा करे बर जनता ह नवा सरकार बनाय के रद्दा पइस। नवा सरकार के मुखिया भूपेस बघेल ह चंदूलाल चंद्राकर अउ वासुदेव चंद्राकर के चेला ए। तभे वो ह नरवा, घुरूवा अउ गरूवा के बिकास ल छत्तीसगढ़ के बिकास बर जरूरी समझिस। छत्तीसगढ़ ह एकठन राजभर नोहय। इहां छत्तीसगढ़ी भासा अउ छत्तीसगढिय़ा संस्करीति ल विसेस धियान देके बेरा आ गे हे। ऐकर ऊपर धियान नइ दे गे हे। मेला-मड़ई के जगा ल दूसर रूप दे के कोसिस ल छत्तीसगढ़ ह नइ भाइस। गजब रोकिन, गजब खिसिअइन फेर राज करइयामन बात ल कमती सुनथें । कहावत हे-
राज करंते राजा नई रहिजय,
रूप करंते रानी,
काम करइया के काम रहि जहि,
रहि जही इहां नाव निसानी।
छत्तीसगढ़ म राजभासा आयोग बने हे। नाव हे छत्तीसगढ़ राजभासा आयोग। माने छत्तीसगढ़ के राजभासा के आयोग । फेर छत्तीसगढ़ी म कामकाज होइस नइ। माने छत्तीसगढ़ के एकठन राजभासा आयोग भर बनगे। छत्तीसगढ़ी भासा के आयोग नइ बन पइस। त अब अइसनहा कमजोरीमन सो उबरे ल परही।
कहावत हे- ‘सौ पिकरी ते एक डुमरी।Ó माने पीपर के सौठन पिकरी के बदला डूमर के एकठन फर काफी हे। माने ए के काम अइसे होय बर चाही जउन ह जग -जग ले दिखय। थोर-थोर जुगुर-जागर करे म काम के चिनहारी नइ होवय। छत्तीसगढ़ ह देसभर म माथ ऊंच करके चल सकय अइसन ऐकर महिमा ल बढ़ाय ल परही। नवा बछर ले नवा काम के सुरुवात होही अइसन उमेंद छत्तीसगढिय़ामन ल हे। डर ल लात लगाके आगू बढ़इयामन इतिहास बनाथें। उमेंद हे नवा बछर म नवा सुरूज के परघवनी सुरू होही।
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