सहीद के गांव
रायपुरPublished: Jan 14, 2019 06:31:17 pm
किताब के गोठ
सहीद के गांव कहिनी संघरा म तेईस ठन कहिनी हवय। डॉ.जयभारती चन्द्राकर के कहिनीमन म समाजिक बेवस्था, परम्परा, रीति-रिवाज, नारी के पीरा, किसान के दसा, परकरीति अउ पंछी-परेवामन के गोठ, हमर लोक कथा के संगे-संग हमर राज के सहीदमन के सहादत के बहुत सुग्घर मारमिक बरनन करे हे।
सहीद के गांव के कथा ह सिरतोन कहिनी आय। जेहा गरियाबंद जिला के सढ़ौली गांव के सपूत भृगुनन्दन चौधरी के सहादत के कहिनी हे। ऐहवाती, अचरा के आंसू, बर सावित्री कहिनी म नारी-परानी के हिरदय के पीरा के चित्रन हे।
सुवा कहि देबे संदेस ए संघरा के बड़ सुग्घर कहिनी आय। बिसाय गोठ, सांवा बाई, लछमी बहू अउ आंवरा दान कहिनी हमर छत्तीसगढ़ के लोक कथा आय। जेला सुग्घर ढंग ले लेखिका का बताय हे। डोरी राखी के कहिनी म भाई-बहिनी के रिस्ता के बरनन करे गे हे। किसान के पीरा कहिनी ह अन्नदाता किसान के पीरा ल बताथे। आसा अउ किरन, भलुआ ल चकमा वन जीवमन के बड़ सुग्घर काल्पनिक कहिनी हे, जेन सिक्छापरद हे। संघरा के जम्मो कहिनीमन ह समाज ल सुग्घर रद्दा देखेय्या हे। सहीद के गांव कहिनी संघरा म हमर छत्तीसगढ़ के माटी के महक ह् दमकत हवय। हमर संस्करीति के बड़ सुग्घर दरसन जयभारती के कहिनी म होवत हे।