दुरुग जिला के आखिरी छोर म खारुन नदिया के तीर म बसे हे परयटन स्थल गांव आनंद मठ मंदिर कौही ह। कौही ह अपन परंपरा अउ इतिहास के सेती जिलाभर म अलगे पहिचान बनाथे। इहां करीब-करीब सब्बो जाति-समाज के 25 मंदिर हे। जेमा स्वयंभू सिवलिंग जउन ह धरतीफोर के निकले हे। माता काली मुख्य आकरसन के केन्द्र हे। सिवलिंग के बारे म मानता हे कि ऐहा हर बछर आकार म बाढ़त हे। इहां दूनों सिवरातरी अउ सावन के आखरी सम्मार के दिन बड़का मेला लगथे। दूरिहा-दूरिहा के गांव-सहर ले भगतमन आथें। जोत जलाथे। कालीमाता के पूजा-पाठ करके आसीरवाद लेथें। माता ह वोकरमन के मनोकामना ल पूरा करथे। माता काली से जुड़े एकठन तथ्य हेे कि ऐला आनंद मठ मंदिर के संस्थापक स्व. मोहनानंद ह माछी के रूप म लीम के पत्ता म बइठार के नदिया के रस्ता कौही लानिस अउ स्थापित करिस। मंदिर परिसर म बड़ेजन बाउली हे। इहां कईठिन छत्तीसगढ़ी गाना अउ फिलिम फिल्माय गे हे। बड़ सुग्घर जगा हे कौही गांव ह। इहां कईठिन छत्तीसगढ़ी गाना अउ फिलिम फिल्माय गे हे। बड़ सुग्घर जगा हे कौही गांव ह।