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जंगल म चुनई

locationरायपुरPublished: Jan 23, 2019 07:34:15 pm

Submitted by:

Gulal Verma

नानकीन किस्सा

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जंगल म चुनई

जं गल म चुनई होवत रहिस। बोकरा ह अपन दाई ले कहिस- दाई, मेहा सेर के चुनई परचार करत हंव। सेर ह मोला अपन चुनई सचालक बनाय हे। यदि ‘सेर दादाÓ चुनई जीत जही त हमर किस्मत बदल जही। बोकरा के दाई जानत रहिस के हर चुनई के बाद हाल का होथे। वोहा दूनों हाथ ऊपर डहर उठा के दुआ मांगिस- या खुदा, हमर कौम ल सलामत रखबे। तीन महीना बाद म अखराब म खबर छपे रहिस – छेरी अउ सेर एके घाट म पानी पीयत देखे गीस।
जंगल म ए बात ह आगी कस बगर गे। कोनो ह कोलिहा से ऐकर बारे म वोकर मन के बात जाने बर चाहिस। बूढ़वा कोलिहा ह माखूर ल मुंह ह भरत जुवाब दिस- अरे कुछु नइ भाई, ए सब तो चोचला ए। काम जादा होय के सेती सेर ह छेरी ल ‘स्टेनोÓ रखे हे। संविदा म भरती करे हे। तीन महीना पाछू देखहू छेरी के हालत ल।
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