scriptसमाज ल नवा रद्दा देखइया ‘मुन्ना दास | chattisgarhi sahitya | Patrika News

समाज ल नवा रद्दा देखइया ‘मुन्ना दास

locationरायपुरPublished: Feb 26, 2019 07:27:58 pm

Submitted by:

Gulal Verma

सुरता म

cg news

समाज ल नवा रद्दा देखइया ‘मुन्ना दास

सारंगढ़ ले सोला किलोमीटरदूरिहा म गांव कोसीर बसे हे। जिहां मां कुसलाई दाई के पुरखा के मंदिर हे। अंचल म गांव देवी के रूप म ऐकर पूजा-पाठ करे जाथे। कोसीर गांव के मुन्ना दास पुरखामन बर तो नवा नांव नोहय, फेर नवा पीढ़ी ल जरूर लागही। मुन्ना दास ह समाज ल नवा रद्दा अउ नवा पीढ़ी ल कछु करे के सपना दिखाइस।
कोसीर गांव के किसान परिवार म पंचम दास के घर म 25 फरवरी1926 के मुन्ना दास लहरे जनम लिस। पंचम दास गांव के बड़े किसान रहिस। कम पढ़े -लिखे अउ संत बाबा गुरु घासीदासजी के अनुयायी रहिस। तेकर सेती संत बाबा गुरु घासीदासजी के संदेस-उपदेस के पालन घर म होवत रहिस। मुन्ना दास अपन ददा पंचम दास के एकझन औलाद रहिस। 1933 म मुन्ना दास ल इस्कूल म भरती करिन। फेर, अब्बड़ दुलार के सेती इस्कूल जाय बर कोतहा रहिस अउ पहली कक्छा ल घलो नइ पढ़ पाइस।
कोसीर बड़े गांव रहिस। इहां दूरिहा-दूरिहा ले पढ़े बर आवंय। अपन ददा संग खेत-खार के काम बचपन म ही सीख गे अउ 19 बछर के आसपास म दूसर पाठोनी घलो हो गिस। मुन्ना दास के विवाह रामबाई के संग होय रिहिस। रामबाई सरल घरेलू महिला रिहिस। मुन्ना दासजी के दू बेटा अउ तीन बेटी होइस। मंझला बेटा त्रिलोचन ह बड़े होइस त घर परिवार ल उही ह संभालिस। मुन्ना दास अपन खेती-किसानी के संगे-संग सामाजिक काम-काज म घलो हाथ बंटावय। गांव म पांचवींं तक इस्कूल रहिस। मिडिल इस्कूल खुले रहिस, फेर भवन के अभाव अउ मास्टर के घलो जरूरत रहिस। वो समे 1956 म आजादी के 10 बछर होवत रहिस। 15 अगस्त के दिन इस्कूली लइकामन परभात फेरी म नारा लगावत रिहिन, इस्कूल बचाओ-लइका पढ़ाओ।
ए विसय म गांव के साहित्यकार तीरथ राम चन्द्रा अउ गांव के लोगनमन बताथें कि सातवीं कक्छा बर भवन, मास्टर अउ अंगरेजी मास्टर बर रुपिया के जरूरत रहिस। जेला लइकामन परभात फेरी म नारा बनाय रहिन। ए नारा ल सुन के मुन्ना दास ह दस हजार रुपिया अपन खेत ल बेच के दिस। तब गांव म पढ़ई आगूबढि़स। वोकर समाज खातिर परेम अउ काम के गांव म अब्बड़ चरचा होइस। लोगनमन वोकर हिम्मत के बढ़ई करिन। आजो मुन्ना दास ल वोकर काम के सेती गांव म सुरता करथेंं।
मुन्ना दास के तबीयत बिगडि़स त फेर सुधार नइ हो पाइस। 18 अक्टूबर 1987 के सरग सिधार गे। वोकर सरगवासी होय ले गांवभर म दुख के बादर छागे। जेन इस्कूल म दान करे रहिन उही दिन इस्कूल म सोक मनाइन अउ सुरता करिन। आज वो इस्कूल ह हायर सेकंडरी बन गे हे। आज बिचार के जरूरत हे इस्कूल के नांव ह मुन्नादास के नांव से होय बर चाही। वोहा कोसीर अंचल के गौरव आय।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो