मनौती पूरा करथे ‘करिया धुरवा ह
रायपुरPublished: Mar 12, 2019 07:32:13 pm
पुरातात्विक पथरा के मूरति हे
मनौती पूरा करथे ‘करिया धुरवा ह
पिथौरा नगर ले सात किलोमीटर दूरिया म गराम पंचाइत मुड़ीपार हे। जेकर आसरित गांव अरजुनी हे। जेहा कौडिय़ा जमींदार के छेत्र कहाथे। पिथौरा विकासखंड म परथे। इही गांव म ‘करिया धुरवाÓ के पुरातात्विक पथरा के मूरति हे। जिहां कई बछर ले गांव-गंवई के लोगनमन अपन मनौती मांगे बर आथें। सहर डहर के सरद्धालुमन बर घलो ऐहा बिसवास अउ आस्था के जगा हे। मानता हावय के इहां सबो के मनौती पूरा होथे।
सियानमन कहिथें कि कौडिय़ा राजा करिया धुरवा हजारों बरस पहिली करिया धुरवाइन से बिहाव करे बर जात रिहिस। उही बेरा दूसरे कोती ले धुरवाइन घलो वो समे के रीति-रिवाज मुताबिक बारात लेके आवत रिहिस। वो समे छह महीना के दिन अउ रात होत रिहिस।
बिहाव के पहली राजा करिया धुरवा अउ धुरवाइन के सगा-संबंधी तय करे रिहिस कि दिन के पहिली बरमाला अउ बिदाई होय बर चाही। फेर, बिहाव के नेंग ह पूरा नइ होइस। दिन के अंजोर होगे। दूनों दूल्हा-दुल्हिन, बाजा, मोहरी, घोड़ा, बिहाव के सामान सहित बिहाव म आए सबो सगा-संबंधी पथरा बनगे। तब ले आज तक उही पथरा रूप म ऐकर पूजा – पाठ होवत हे।
बुड़ती डहर करिया धुरवा के सेना अउ उत्ती डहर म धुरवाइन के सेना जेहा कई बरस ले खुल्ला जगा म रिहिस अब सरद्धालुमन के दान-पुन अउ सहयोग से मंदिर म बदल गे हे। इहां के मूरति के संबंध म सियानमन बताथें कि ए पासान जुग के आय। ए पासान जुग के मूरतिमन बहुत कीमती हे। ऐकर कीमत के अंदाजा नइ लगाय जा सकय।
कीमती मूरति के सेती आठ-दस बछर पहिली लालच म आके एकझन मनखे ह चोरी करके लेगे रिहिस। वोकर बाद वोहा कई किस्म के परेसानी म पर गे। मजबूर होके मूरति ल लाके उही जगा म रखे के सोचिस, फेर वो मनखे ह मर गे। ए किस्सा ल सुनके ए मंदिर के ऊपर अउ आस्था बिसवास बढ़ गे। तब ले आज तक अउ कोनो कुछु चोरी करे बर नइ सोचिस, बल्कि दान-पुन करके सहयोग करथेंं।
जय मां विन्ध्वासिनी मंदिर बिंझवार समाज, सिरी राधा-किसन मंदिर झेरिया यादव समाज सहित सरद्धालुमन बर बइठे के जगा बनाय गे हे। तीन दिन के भव्य मेला के आयोजन मेला समिति ह अगहन पुन्नी के दिन करथे। करिया धुरवा के तीन भाई रिहिस, अइसे लोगनमन बताथें। बड़े भाई सिंगा धुरवा धमतरी के जंगल म स्थापित हे। मंझला भाई कचना धुरवा परयटन स्थल बारनावापारा के पहाड़ी म स्थित हे।