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मन के आस पूरोथे दाई चंडी

locationरायपुरPublished: Apr 16, 2019 05:03:24 pm

Submitted by:

Gulal Verma

परब बिसेस

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मन के आस पूरोथे दाई चंडी

चंडी दाई के धाम ह बेमेतरा जिला के करमू गांव मा हे। थानखम्हरिया ले रकसहूं म एक कोस दूरिहा जिंहा दाई चंडी हकई बछर पहिली के बिराजे हे। जेकर सेती करमू गांव के नांव ह चंडीधाम-करमू होगे हे।
सियानमन बताथे कि बहुत पहिली चंडी दाई के दुवार म बलि परथा घलो चलत रहिस हे। फेर, अब जन जागरुकता ले वो परथा ह बंद होगे हे। तभो ले दाई ह सबके बिनती ल परसन होके सुनथे। कुंवार अउ चइत दूनों नवरात परब म दाई के दुवारी म नव दिन ले मेला बरोबर लागथे। हजारों जोत ह रिगबिग-रिगबिग बरथे अउ मन म भगती के जोत जलाथे।
दाई के दुवारी फुलवारी सुरूप जंवारा घलो बोंवाथे। करमू म दाई चंडीधाम के संगे-संग भैरो बाबा, नन्दीस्वर, महाराज, बजरंगबली, ििसवसंकर अउ सीतला दाई के घलो ठांव हवय। जेन ह आस्था के बड़का केन्द्र जनाथे।
चंडीधाम करमू ले दू कोस दूरिहा रकसहूं म बरगा के बंजारीधाम घलो ह दरसनीय अउ परसिद्ध हे। दाई चंडी के दुवारी मनवरात के संग पुन्नी, सिवरातरी अउ तेरस परब म घलो मेला भराथे। जिहां दूरिहा-दूरिहा के नर-नारी आके दाई के असीस पाथे। आठोकाल बारो महीना दाई के संध्या आरती नगाड़ा झांझ के संग होथे। जेमा आस-परोस छेत्रभर के सरद्धालुमन आथे।
नवरात परब म चंडीधाम के महत्तम ह अउ बढ़ जाथे। पुजारी पंडामन रात-दिन दाई के सेवा म लगे रहिथें। विसेस परकार ले साज-सज्जा, देवी जस मंडलीमन मनमोहक रहिथे। रतिहा आस-परोस के जस सेवा मंडलीमन दाई के दुवारी म मांदर, ढोलक, झांझ, मंजीरा, नगाड़ा ले सेवा, पचरा, सिंगार, मावलिया आदि गीत ले दाई के जस गाथे जउन ह भगतन के मन मोह लेथे। देह म भगती के जोत जला देथे। अइसन दाई चंडी के दरस बर बड़ दूरिहा-दूरिहा ले भगतमन आथें अउ दरस करके अपन मनौती मनाथें। दाई चंडी ह सरद्धालुमन के मनोकामना ल पूरा घलो करथे।
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