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रायपुर

सक्ति-भगती के संगम

नवरातरी परब

रायपुरApr 16, 2019 / 05:33 pm

Gulal Verma

cg news

सक्ति-भगती के संगम

नवरातरी के परब ह छत्तीसगढ़ बर गजबेच महत्तम रखथे। सक्तिरूप दुरगा के जोत रूप जंवारा रूप, सत बहिनी रूप, सीतला रूप म पूजा होथय। भगती म लपटा के भगती के पूजा के संगम हमर छत्तीसगढ़ म देखे बर मिलथे।
हमर राज पुरातन म भगवान राम के महतारी के मइके इहें रहिस हे। वोकर सेती भक्ति छत्तीसगढ़ म जादा हावय। रामचरित मानस म दू नारी के जादा महिमा बताय हे। एक माता पारबती अउ दूसर सीता। माता पारबती ह सिव भगवान ल राम कथा सुनाय बर कहिस। माता पारबती ल सक्ति कहे गे हे। अइसने माता सीता ल भगती कहे गे हे।
भगती के नौ रूप बताय हावय। वइसने सक्ति के नौ रूप बताय गे हे। Óरामचरित मानसÓ म बाबा तुलसीदास ह लिखे हावय- भगवान राम सबरी ल Óनवधा भक्तिÓ बताथे, जेमा पहली भगती संत के संगति, दूसर भक्ति भगवान के कथा सुनई, तीसर भगतीगुरु के सेवा करई, चउंथा भगती भगवान के भजन करई, पांचवा भगती बिस्वास के संग गुरु के बताय मंतर जाप करई, छटवां भगती अड़बड़ अकन काम-बुता ल छोड़ बैइराग लेनई, सातवां भगती संसारभर के सब जीव ल समभाव ले देखई, ए सबो म भगवान देखई, आठवां भगती संतोसी होवई, दूसर के चारी चुगली नइ करई। नवां भगती सबझन ले बिन कपट के मया-दुलार करई।
सक्ति के नौ रूप सैलपुतरी, बरम्हचारनी, चन्दरघंटा, कुस्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरातरी, महागौरी अउ सिद्धिदातरी। नवरात म भगती के महत्तम इही म दिखथे के जिहां-जिहां जोत-जवांरा बइठाय हे, उहां नौ दिन ले जसगीत, सेवागीत, मानसपाठ, मानस कथा, भागवत पुरान, देवी भागवत, नानम परकार के आयोजन होथें।
बिद्वानमन कथा म बताथें, भगवान राम ह रावन संग जुद्ध करत अपन बानमन ल रनदेवी ल रोकत देखिस, तब वोला बड़ दुख लागिस। रावन घलो सिव के पूजा करइया राहय। पाछू राम घलो सक्ति के पूजा करिस अउ रावन ले जीतिस। आज हमन घलो काम, करोध, लालच, मोह के रावन ल मारे बर हे त सक्ति के उपास, पूजा रख के भगती के सहारा ले बर परही।

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