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बिकास के नांव म बिनास होवत हे

locationरायपुरPublished: May 16, 2019 05:39:46 pm

Submitted by:

Gulal Verma

जलसंकट : परेसानी ले उबरे बर का उपाय हे?

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बिकास के नांव म बिनास होवत हे

पा नी बिना मनखे के एक दिन जीना मुसकुल हावय। आज संसार के सबले खच्चित जिनिस पानी हरय। पानी ह सरी संसार भर के जिनगानी हरय। अपन इही जिनगानी के रक्छा बर चेतलग रहे ल सुरता देवाय खातिर हर बछर 22 मार्च के विस्व जल दिवस मनाय जाथे। सुरसा सरी बाढ़त पीये के पानी समसिया ल देखत लोगनमन कहिथें के अवइया समे म तीसरइया विस्व युद्ध ह पानी के खातिर होही। बिकास के रफ्तार ह सर सरअउहन बाढ़त हावय, फेर उही हिसाब म पीये के पानी ह घलो कमतीयात जावत हावय।
बिकास के बात ह तो ठीक हे, फेर वोकर संगे-संग बिनास के ए बीमारी ला दूरिहा भगाय के सरी उदिम करे ल परही। पानी के इही महत्तम ल समझाय खातिर संयुक्त रास्ट्र संघ ह बछर 1992 ले 22 मार्च के दिन विस्व जल दिवस मनावत आवत हे। आज पानी के महत्तम ल मनख्रेमन भुलावत हें। पानी के बरबादी करत हें। पानी बचाय के सुध नइये। पानी के अबिरथा बरबादी ल हर हाल म देसभर म रोके के जरूरत हे। सहीं ढंग ले जल बचाय के उपाय अपनाय बर चाही।
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