scriptमाफी के कीमत | chattisgarhi sahitya | Patrika News

माफी के कीमत

locationरायपुरPublished: May 23, 2019 06:25:29 pm

Submitted by:

Gulal Verma

कहिनी

cg news

माफी के कीमत

ब काड़ू अउ बुधारू के बीच म घेरी – बेरी पेपर म छपत माफी मांगे के दुरघटना के उप्पर चरचा चलत रहय। बुधारू बतावत रहय – ए रिवाज हमर देस म तइहां के आय। बइहा चाहे कोनो ला कतको गारी बखाना कर, चाहे मार, चाहे सरेआम वोकर इज्जत उतार, लूट-खसोट कहीं कर, मन भरिस तहन सरेआम माफी मांग ले। हमर देस के इही तो खासियत हे, बाबू। इहां के मन सिरिफ पांच बछर म भुला जथें अउ कोनो भी ऐरे-गैरे, नत्थू-खैरे ल माफी दे देथे।
भकाड़ू – माफी मांगे के काये जरूरत पर जथे भइया। माफी नइ मांगतिन तभो वोकर काम नइ चलतिस गा?
बुधारू – पांच बछर ले बिगन माफी मांगे काम चलाथें बपरामन। अउ कतेक दिन ले काम चलाहीं तेमा! अरे, माफी मंगई हमर संस्करीति आय। ऐेला जिनदा रखई बहुतेच जरूरी हे । ऐहा नंदाय झन कहिके बपरामन हरेक पांच बछर म सुरता देवाथें।
भकाड़ू – माफी ले कहूं एकात कनिक फायदा घला होवत होही गा?
बुधारू – माफी मांगे बर बड़का बने बर परथे, तभे फायदा होथे। तैं कोनो ल रे कहिके माफी मांग के देख। तोर खररी नइ बांचही। अउ बड़का मनखे बर माफी मांगे के पाछू, जम्मो माफ।
भकाड़ू – मोर एक सवाल अउ हे भइया। कोन समे माफी मांगे बर चाही? बुधारू – पांच बछर के सिरावत बेरा म मांगे बर चाही। तब तक हमर सुरता अतेक तगड़ा रहिथे के हमन काकरो गलती ला भुलावन नइ।
भकाड़ू- फेर एक सवाल मोर मन म आगे हे भइया। माफी देवइया ला का करे बर चाही?
बुधारू- बिसवास के लइक ल माफ कर देय बर चाही। अउ कायेच कर सकत हन!
दूसर दिन बिहाने ले पांच बछरिया गनपति ह भकाड़ू के घर पहुंचगे। भकाड़ू सोंचिस- फोकटे ॉ-फोकट माफ नइ करे बार चाही। बल्कि वोकर कीमत वसूले बर चाही । फेर सोचिस – भलुक कतेक कीमत होथे माफी के, तेला आजमाय बर चाही।
भकाड़ू ह माफी के कीमत देखे बर माफी मांगत किहिस – तोला बीते समे म बने मनखे होबे कहिके बिगन मांगे बोट दे परे रेहेंव, मोला माफी देहू।
पांच बछरिया गनपति – तैं सहीं समझे रेहे भइया, मेहा तोर बर कुछु नइ कर पायेंव कहत- भऊजी बर लुगरा, ददा बर धोती, नोनी बर पोलखा अउ भकाड़ू बर दूठिन चेपटी निकालिस। कभु देखे नइ रहय बपरा ह। अतेक कीमत होथे माफी के तेला जानत नइ रहय। भकाड़ू खुस होगे अउ कहे लागिस- मांग ले तोला जेन मांगे बर हे।
पांच बछरिया गनपति -मोला सिरिफ माफी दे-दे भइया। मोला अउ कहिंच नइ चाही। सिरिफ तोर आसीरबाद चाही।
भकाड़ू वोला अपन आसीरबाद देवत माफ करके बुधारू ल बतावत रहय – माफी मांगे के बड़ कीमत होथे बइहा। तैं का जानबे। मोला फोकटे-फोकट चलावत रेहे के छोटे मनखे ल माफी नइ मांगे बर चाही कहिके। मेहा मांगेव, मोला बड़ अकन मिलिस। जबकि वो बड़का मनखे ह घोलंड के पांव परके माफी मांगिस। का पइस बपरा ह! जतका कीमत हम पायेंन तेकर नख के बरोबर नइ पइस बपरा ह।
बुधारू – माफी मांगे के अतेक बड़ कीमत वसूल के चल दिस अउ तैं वोला का मिलिस कहिथस। तोर चेपटी काली सिरा जही, लुगरा पाटा बछरभर म चिरा जही। फेर, पांच बछर ले तोर आसीरबाद अउ माफी के बदोलत माफी मंगइया ह तोर छाती म मूंग दरही।
भकाड़ू घला जनता कस निचट भकला ताय। बुधारू के गोठ कोन जनी समझिस, के नइ। हमर मुड़ म नरियर कस पथरा कचारत मनखे ल हमूमन पांच बछर म भुला जथन अउ बहुत ससता म माफी दे के पांच बछर पछताये बर चुन परथन।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो