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रायपुर

पानी ल बचाय बर परही

जलसंकट : परेसानी ले उबरे बर का उपाय हे?

रायपुरMay 29, 2019 / 05:28 pm

Gulal Verma

cg news

पानी ल बचाय बर परही

पा नी ह जिनगी के अधार हरे। बिना पानी के कोनो जीव-जन्तु अउ पेड़-पौधा नइ रहि सके। पानी हे त सब हे अउ पानी नइये त कुछु नइये। संसार ह बिन पानी के नइ चल सकय। ऐकरे सेती रहिम कवि कहे हे -‘रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गये न उबरे, मोती मानुष चून।Ó आज के जमाना म सबले जादा महत्व होगे हे पानी के बचत करई। पहिली के जमाना म पानी के जादा किल्लत नइ रिहिस हे। नदिया, तरिया अउ कुआंमन म लबालब पानी भराय राहय।
आज पानी ह दिनोदिन अटात जावत हे। हैंडपंप ल टेड़त-टेड़त थक जबे त एक बल्टी पानी निकलथे। पानी के नांव से रोज लडई-झगरा होवत हे। हमरे गलती के सेती ए सब होवत हे। जगा-जगा बोर खन के धरती दाई के छाती ल छेदा कर डरे हे। रूख-राई ल रात-दिन काटत जावत हें। बड़े-बड़े कारखाना लगा के परयावरन ल परदूसित करत हें। ऐकरे सेती पानी ह दिनोदिन कम होवत जावत हे। हमर देस ल नदिया के देस कहे जाथे। फेर, दुख के बात ए बड़े-बड़े नदियां के राहत ले बोतल म पानी ल बिसा के पीये बर परत हे। अइसन म मनखे के सुखी जिनगानी के खातिर पानी बचाय के खच्चित जरूरत हे।

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