छत्तीसगढ़ी म रमायन
मरयादा पुरसोत्तम भगवान सिरीराम के पावन कथा ह सकल विस्व म फूल म सुगंध के समान समाय हावय। ए कथा ह सनातन भारतीय संस्करीति अउ इहां के रहवइयामन के अंग-अंग म पोहे हावय। दुनिया के जम्मो परमुख हजारों छेत्री बोली-भासा म सिरीराम कथा पढे ल मिलथे। इही कड़ी म परसिद्ध रमायन गायक जगदीस हीरा साहू के छत्तीसगढ़ी म लिखे किताब ‘संपूर्ण रामायण सचित्र 108 मनकाÓ पढे ल मिलिस। भक्तिभाव ले समाय ए किताब ह छत्तीसगढ़ी साहित्य ल पोठ करे के संगे-संग नैतिक सिक्छा जेकर आज बहुतेत जरूरत हे, देवत हावय। नंदावत छंद विधा उहू म सार छंद, जेला विद्वानमन बड़ गुरतुर मानथें, जेमा रामकथा ल लिखे हवय।
‘सुन लौ अमर कहानी संतों, प्रभु के अमर कहानी।
त्रेता युग के बात बतावौं, मैं जगदीस जुबानी।Ó
किताब के भासा सरल अउ परवाहमान हे।
बन मारीच सोन के मिरगा, राम कुटी में आए।
मिरगा ला देखय जब सीता, मन वोकर ललचाए।
किताब म अलंकार के सहज रूप म परयोग होय हे। ए किताब ह साहित्य जगत म विसेस जगा बनाही।