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सावन म बेलपाना के महत्ता

locationरायपुरPublished: Jul 26, 2019 04:12:17 pm

Submitted by:

Gulal Verma

परब बिसेपरब बिसेसस

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सावन म बेलपाना के महत्ता

सावन म बेलपाना के महत्ता
परब बिसेस
अ इसे तो सबो जानत हव बेलपाना ह हिन्दू धरम मनइयामन बर कतका महत्तम रखथे। भगवान भोलेनाथ ल एक डारा बेलपाना चघा के मनमाफी वरदान पा सकत हंन। कथा म बताय हवय कि जंगल म भुलाय भील सिकारी ह रतिहा बिताय बर पेड़ म चघ गे। वोकर बिन जाने रातभर बेल पाना ह टूट के गिरत रहिस। भगवान भोलेनाथ ह मोर भगत ह बेल पान चघाय हे कहिके असीस धन सम्पति अउ भक्ति दे दिस। कहे जाथे सावन म सिव ल बेलपानाा चघाय ले तीन जुग के पाप के नास हो जाथय।
अइसे तो आधा ले जादा पुरान म बेल के महिमा बताय जाथे। फेर, बेल के जनम ल स्कंधपुरान म बताय हवय। एक घांव पारबती माता ह अपन माथा के पछीना ल पोंछ के फेंकिस। वोकर दू-चार बूंद ह मंदार पहाड़ी म गिरगे। उही ह बेल पेड़ बन गे। कहे जाथे कि बेल के जर म गिरिजा, पेड़ोरा म महेस्वरी, डंगाली म दक्छदायनी, पाना म पारबती, फूल म गौरी अउ फर म कात्यायनी के रूप माने गे हे। ऐकर कांटा म कतको सक्ति माने गे हे। ऐकरे सेती सिवजी ह बेलपाना चघाय ले खुस होके असीस अउ बरदान देथे। महालक्छमी के रहवास घलो बेल पेड़ म माने जाथे।
बेनपान के महत्तम ल सिव पुरान म जादा बिस्तार करके बताय हवय। सिव पुरान म बेल ल सिव के बरोबर माने गे हे। वोकर पूजा अउ जल चघाय के बारे म बताय हे। देखे म बेल पाना ह तीन पान एक्के संग रहिथे। सिव पुरान म ऐला बरम्हा, बिसनु अउ महेस के रूप माने गे हे। कहे जाथे बेल पेड़ के जर म सिवलिंग म मढ़ा के पराथना करे ले अउ जल चढ़ाय ले भगत ल सुख मिलथे। परिवार म आय संकट अउ दुख दूरिहाय बर बेल के तीर म भोलेनाथ के पूजा करे बर कहे जाथे। बेल के खाल्हे म भोले भंडारी ल तसमई भोग लगाय ले धन दोगानी के कमती नइ होय। ए सब धारमिक महत्तम आय।
बेल के धारमिक महत्तम के संगे-संग आयुरवेदिक महत्तम हावय। बेल पाना के तासीर ह ठंडा होथे। ऐला रोग-राई मेटाय अउ ताकत देवइया माने जाथे। ऐकरे सेती ऐला पबरित घलो मानथें। बेलपाना ल बरसात म बुखार, सरदी, खांसी आय ले काढ़ा अउंटा के पीये ले खच्चित फायदा होथे। दतिया, मंदरस माछी अउ भोंगररा कीरा चाबे ले बिछियाथे। वोमा बेल पाना ल पीस के रस ल लगाय ले माढ़थे। कहे जाथे सांस के बीमारी बर अमरित आय। अइसने बवासीर, हिरदय के बीमारी बर घलो बेल पान ह फायदा करथे। आजकल के बीमारी मधुमेह के इलाज म घलो फायदा करथे।
बेलपत्ता के सिव पूजा संग बैग्यानिक महत्तम घलो माने जथे। सिवजी ह परकरीति ल बचाय बर पान. फूल, फर ल अपन पूजा म अपनइस हे। परयावरन ल बचाय बर रूख-राई ल बचई जरूरी हे। ऐकरे सेती हिन्दू धरम म बर, पीपर, लीम, बेल, सरई के पूजा देबी -देवता मान के करे जाथे।
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