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पढ़ई के माध्यम छत्तीसगढ़ी हो

locationरायपुरPublished: Sep 12, 2019 05:03:50 pm

Submitted by:

Gulal Verma

बिचार

पढ़ई के माध्यम छत्तीसगढ़ी हो

पढ़ई के माध्यम छत्तीसगढ़ी हो

गिधवा चिरई ह अपन पिला (चूजा) ल वोकर ताकत के अहसास कराय बर खोंधरा के बाहिर धकेलथे। वोहा अपन पिलामन ल बादर म खुद के पांख म उड़ावत देखना चाहथे। ऐकरे सेती अपन पिला ल खोंधरा ले बाहिर धकेल देथे। तहां ले गिधवा के पिलामन अपन पांख के बल म खुदे उड़थें अउ आगू बढ़थें। वोइसने छत्तीसगढ़ी भासा ल वोकर गोड़ म खड़ा करे बर इसकूल म हिंदी अउ अंगरेजी जइसे छत्तीसगढ़ी म पढ़ई होय बर चाही।
छ त्तीसगढ़ी भासा के बिकास अउ इहां के लइकामन के पढ़ई के स्तर ल बढ़ाय बर पराथमिक इस्कूल ले छत्तीसगढ़ी माध्यम म पढ़ई कराय बर चाही। छत्तीसगढिय़ामन ल जाने-गुने बर जरूरी हे के छत्तीसगढ़ी ल पढ़ई ले माध्यम बनाय जाए। आज भासा ल लेके बड़े-बड़े राजनीतिक खेल चलत हे। जइसे देस के एकता बर रास्टरभासा हिंदी जरूरी हे, जइसे दुनियाभर के गियान-विग्यान जाने बर अंगरेजी भासा जरूरी हे, वइसने अपन मातरीभासा छत्तीसगढ़ी के बिकास, छत्तीसगढ़ के पहिचान अउ छत्तीसगढिय़ामन के आत्म सम्मान, आत्मबिस्वास बढ़ाय बर छत्तीसगढ़ी माध्यम म पढ़ई-लिखई जरूरी है।
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