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गांधी बिचार के गढ़ ये छत्तीसगढ़

locationरायपुरPublished: Oct 01, 2019 05:23:13 pm

Submitted by:

Gulal Verma

बिचार

गांधी बिचार के गढ़ ये छत्तीसगढ़

गांधी बिचार के गढ़ ये छत्तीसगढ़

म हात्मा गांधी ह छत्तीसगढ़ म दू पइत अइस। कंडेल नहर के पानी बर जब अंगरेजमन किसान ऊपर वसूली के फरमान निकालिस त छोटेलाल सिरीवास्तव अउ तब के सबे बड़का नेतामन विरोध करिन। गांधीजी अइस अउ वोकर आये के खबर म किसानमन के काम बनगे। अंगरेज झुक गे। एक पइत गांधीजी दुरूग, कुम्हारी, धमतरी बिलासपुर म अउ अइस। बैरिस्टर छेदीलाल, डॉ. खूबचंद बघेल, पंडित रविसंकर सुक्ल, गुरु अगमदास जइसे बड़का नेतामन के संग बिलासपुर के राघवेन्द्र राव अउ दुरूग के दाऊ घनस्याम सिंग गुप्ता गांधीजी के सब सभा के तियारी करिन।
कांकेर ले इन्दरू केंवट अपन संगवारी पातर संग खंजेरी म गीत गावत रेंगत धमतरी अइस। 1920 अउ 1933 म गांधीजी दू पइत जगा-जगा यातरा करिन। बिदेसी कपड़ा के होरी जलाय के काम गांव- गांव होय लगिस। छत्तीसगढ़ म गांधी ल भगवान असन मानिन। छेदीलाल बैरिस्टर ह गुरु अगमदास के अघुवई म सतनामीमन ल जनेऊ भेंट करिस। पंडित रविसंकर सुक्ल अपन हाथ म जनेऊ पहिरइस। पंडित सुन्दरलाल सरमा ह सतनामीमन ल जनेऊ देके मंदिर म लेगिस। छत्तीसगढ़ के ये खबरमन ल जान के गांधीजी अचरज म परगे। हमर छत्तीसगढ़ के मन ह बैरागी हे। संत पवन दीवान के कविता हे – मोर मन बैरागी हे। छत्तीसगढ़ म समता एकता देखते बनथे। गुरु बबा घासीदास के बताय रद्दा म चल के छत्तीसगढ़ ह अइसन काम करिस के गांधीजी अघागे। जीभर असीस दिस। इहां के साहित्यकार सुन्दरलाल सरला ल गांधीजी ह गुरु असन मानिस। सनमान म किहिस- ऐहा तो हमरो ले अघुवागे।
पंडित कुंजबिहारी चौबे ह गांधीजी के बिचार ल लेके गांधी गौरा गीत लिखिस। मोर उपन्यास ‘आवा’ ह एम.ए. म पढ़ाय जाथे। आवा उपन्यास के नायक रघोश्रम महराज ह गांधीवादी हे । छत्तीसगढ़ म गांधी के परभाव ऊपर लिखे हंव ये उपन्यास ल।
कबीर दास के चेला धनीधरम दास के वंस गद्दी दामाखेड़ा म हे। एकठक अउ गद्दी खरसिया म हे। छत्तीसगढ़ म महाप्रभु वल्लभाचार्य जनमिस। इहाँ रामकिरिस्न के उपासकमन संस्कार दीन त आदिवासीजन मन बूढ़ादेव माने भगवान संकर ल पूजिन। तीजन बाई पंडवानी म गीत गाथे – संकर ल पूछे पारवती। भरथरी छत्तीसगढ़ म नइ जनमिस। फेर, बैरागी भरथरी के गीत ल छत्तीसगढ़ ह गाथे। सुरूज बाई अमर होगे बैरागी भरथरी के गीत ल गाके। छत्तीसगढ़ ह सांती, एकता मेल के बात ल भरपूर सुनथे अउ घर लेथे।
गांधीजी ऊपर छत्तीसगढ़ म गजब लेखन होय हे। केयूरभूसन ह गांधीजी के बिचार ल लेके उपन्यास, कहिनी लिखे हे। द्वारिका प्रसाद तिवारी विप्र ह देवता बनके आये गांधी जइसे कविता लिखिन त स्यामलाल चतुर्वेदी, पवन दीवान, लछमन मस्तूरिया जइसे छत्तीसगढ़ के बड़े कविमन जनप्रिय गीत लिखिन। ‘उसका देस होगा तो फिर आयेगा गांधीÓ, पवन दीवान ह लिखिस।
लछमन ह – गांधी बबा केहे रिहिस ‘जइसन गीत लिखिस।’
हिंदी कहिनी म छत्तीसगढ़ के लेखकमन गांधीवाद ल समझइन। दाऊ निरंजनलाल गुप्ता ह छेरी काव्य धारा जइसन गरंथ लिखिन। छत्तीसगढ़ म कईझन मालगुजार ल गांधी गौंटिया केहे गीस। पंडित सुन्दरलाल सरमा, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, चंदूलाल चंद्राकर, बैरिस्टर छेदीलाल अउ पवन दीवान सहित केयूरभूसन ल छत्तीसगढ़ के गांधी केहे गीस। पंडित रामदयाल तिवारी ह गांधी दरसन ऊपर किताब लिखिस।
पाटन छेत्र म 20 अक्टूबर से 29 अक्टूबर 2002 म गांधी बिचार यातरा करे गीस। पाटन छेत्र के गांव जामुल, भिलाई 3, चरोदा, कुम्हारी, पंहदा, जामगांव, सेलूद गांडाडीह, सांतरा, अरसनारा से होवत गांव -गांव 200 कलाकार, साहित्यकार गावत -बजावत अउ काव्य पाठ करत गीन। 29 अक्टूबर के पाटन म समापन होइस। भूपेस बघेल ह गांधी बिचार यातरा के अघुवा रिहिस। पाटन छेत्र ह स्वतंत्रता संग्राम सेनानीमन के छेत्र आय। गांव म जाके सतनामी पारा म सबझन भोजन करंय। देवदास बंजारे के अघुवाई म गांव के पंथी दल ह पंथीनृत्य करय। सब्दभेदी बान चलइया कोदूराम वरमा ह गांव-गांव म अपन करतब देखावय।
नरवा, घुरवा, गरवा बारी ऐला बचाना हे संगवारी, ये नारा ह आज चलत हे। भूपेस बघेल हा गांधी बिचार यातरा म गांव के भलई अउ गांधीजी के बिचार ऊपर बोलत ये बात मन ल उही मौका म कहि दय।
गांधीजी के छेरी भइया
मेरेर मरेर नरियाय रे
वोकर दूध ल पीके भैया
बुढ़वा जवान हो जाय रे।
कोदूराम दलित ह राऊत नाच बर अइसनाहा दोहा बनइस।

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