रायपुर

बिन मुड़ी के रावन

बिचार

रायपुरOct 08, 2019 / 05:14 pm

Gulal Verma

बिन मुड़ी के रावन

जेन तिहार ल अमरीका नइ मना सकय, तेन तिहार ल हमन मनाथन अउ मिसाइल ले जादा खरचा के फटाका जलाथन। चलत परंपरा के चलागन बर रावन ल तको जलाथन। कतको गांव के भाठा म रावन के सीमेंट के पुतला ह बछरभर खड़े-खड़े असकटावत रइथे।
जम्मो वेद-पुरान ल पढ़ डरेन। पाठ पढ़त पचररा होगे, फेर अपन-बिरान के चिन्हारी आज तक नइ कर पाए हन। राम -लछमन अउ विभिसन के भीड़ म रावन आजो घूमत हे। सबके संग म रावन ल तको राम-राम कहिके निकलइयामन के कमी नइये। राम के जमाना म रावन के दस मुड़ गिनती के पूरा रिहिस। जेन धीरे-धीरे फेसन कमतिया लगिस अउ अब तो बिन मुड़ी के रावन के देस म दबदबा हे। जेमन अपन अंगरी के इसारा म बवंडर मचाथे। ऐमा खनन माफिया हे, कोनो जंगल माफिया हे। सिक्छा अउ स्वास्थ्य के सेवा माफिया तो कतको हे। जेन बिन खरचा करे कमावत हे अउ इहीमन अलग सहर म रामसेना म जाके रावन जलावत हे। अब सरकार बदले त रावनमन तको अपन ठउर-ठिकाना अउ लिबास बदले लगिन। हमर छत्तीसगढ़ म घलो सरकार बदलगे, त समिति तको बदलगे, लीला मंडली म तको बदलाव होगे। अब राम जानय अउ का-का बदलही। रावन मारे बर अउ का-का करे बर परही। आगू बछर रावन के पुतला ल कोन जलाई तेकरो जानबा नइये।
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