ह मर आस-परोस के वातावरन म परदूसन बगरत हावय। ऐकर कतको अकन कारन हावय। जेमा कारखाना के रसायन. कचरा. कुहरा, राखड़, मोटरगाड़ी के खतरनाक कुहरा होथे। खेत के नरइ घलो ल बारे म परदूसन बगरथे। फटाका फोरे ले निकले कारबन डाई ऑकसाइड, कारबन मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑकसाइड, नाइट्रेट हवा म समा जाथे। जादा अवाज म कान के परदा खराब हो जाथे। रक्तचाप बढ़ जाथे। दमा, उसनिंदा होथे अउ दिल के दौरा परथे। फटाका फोरेे ले फेफड़ा, घेंच म एलरजी. ब्रोंकाइटिस निमोनिया अउ नाक संबंधी रोग होथे। आंखी म बारूद गोंटी परे म फूट जथे। हाथ-गोड़, तन ह जर जाथे। पारा-परोस के घर-पैरा म आगी लग जाथे। साठ डेसीबल आवाज ल सामान्य माने जाथे। दस पंदरा डेसीबल जादा बाढ़े ले आवाज अतिच बढ़ जाथे। लइका, सियान, गरभवती महतारी बर नुकसानदायक होथे। तेकर खातिर डीजे बजाय बर नियम बने हावय। सबो मनखे बर सफ्फा परयावरन होय बर चाही। परयावरन ल सफ्फा रखे के जिम्मेदारी सबो मनखे के बनथे।