‘पेड़ बचाव के नारा देय जाय
रायपुरPublished: Jan 21, 2020 04:33:13 pm
समाज
‘पेड़ बचाव के नारा देय जाय
पेड़ लगाव के नारा सुन- सुन के कान पाक गे। सरकार ल लेके स्वयंसेवी संस्था तक सबो के एके नारा हवय पेड़ लगावÓ, जबकि मोर हिसाब से पेड़ लगाव के जघा नारा होय बर चाही ‘पेड़ बचावÓ तो अतका लगे हवय कि जेन लगे हे उही ल बचा लव ता नवा पेड़ लगाय के जरूरते नइ परही।
पेड़ लगाव कहे ले एक बात अउ होथे मनखेमन अंधाधुंध पेड़ लगावत हवय। पेड़ लगा के भुला जाथे। अरे भाई लगाय ले कुछु नइ होय, जो कुछ होही ता पेड़ ल बचाय ले होही। बोदे गहूं, रेंग दे कहूं मा नइ बनय। पेड़़ लगाय के बाद जतन पानी घलो लागथे जेन होवत नइये। सरकार हा पेड़ लगाय के गिनीज़ रिकार्ड घलो बना डरे हवय। 1 दिन म 7 करोड़ लगाय पेड़ के। फेर आज वो मेर 7 हजार पेड़़ घलो नइ बांचे हवय।
सरकार ल चाही के पेड़ बचाव के नारा देवय। रिकार्ड ये बात के बनाव के ये बछर हम अतका पेड ल बचाय के जिम्मा सौंपेंन। ये बछर अतका पेड़ ल बचाय गिस। पेड़ लगाय के कोनो फायदा नइये, जब तक वोला बचाय के जिम्मेदारी नइ सौंपे जाही। पेड़ तो अतका लगे हवय जेन ला केवल बचा लव त सिरिफ 5 बछर मा पूरा देस मा हरियाली छा जाही। एक बात अउ हवय मनखेमन पेड़ ला बचा तो नइ सकत हवय, उल्टा जउन लगे हवय तेने ला काटत हवय। एक डहर जंगल कटत हवय उहें दूसर डहर गांव अउ सहर म 5 फीट, 10 फीट के छोटे पेड़ ल घलो सुवारथ म काटत हवंय।
घर के आघु म सड़क किनारे लीम के पेड़ लगाय रहेंव, लोहा के जाली म घलो घेराय रहिस। 7 फीट के बाढ़े लीम पेड़ ल दतवन बनाय बर मुरकेट के टोर दीन। मोर जीव अउंट के रहिगे। कहुं देख पातेंव न त वोकर बारा ल बजाय रहितेंव। इही हाल जम्मो पेड़ पौधा के हवय। 8 फीट, 10 फीट के पेड़ ल घलो निजी सुवारथ म काटत हवय । कोनो ल जलाऊ लकड़ी बर, कोनो ल दतवन बर त कोनो पेड़ ल कुछ अउ बर।
अब बेरा आ गे हवय कि सरकार ऐमा जादा धियान देवय अउ नारा पेड़ लगाव के जघा पेड़ बचाव के देवय। आम नागरिक के घलो ये जिम्मेदारी बनथे कि वो कोनो भी एकठन पेड़ ़ ल गोद ले लय अउ वोकर देखभाल करय। अउ लोगन ल बताय कि मेहा ये बछर ये पेड़ ल बचायेंव। अब पेड़ लगाये के बेरा नइ रहिगे, अब बेरा पेड़ बचाय के हे।