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चार झन सियान

locationरायपुरPublished: Feb 24, 2020 03:50:00 pm

Submitted by:

Gulal Verma

कहिनी

चार झन सियान

चार झन सियान

हमर पुरखामन बताय हावय ताने समे म हम मनखेमन के बीच म चारझन सियान रहंय। जेकरमन के नाव सुंदर अकन समाज, धरम, कला अउ बिग्यान रहय। ये सियानमन जम्मो मनखे ल बांध के रखे रहय। सबो डहर अमन अउ सांति रहय। समाज ह मनखे ल एक जगा सकले, धरम ह घलो अपन काम करय।
बिग्यान ह घलो अपन नवा-नवा बात ल बताय रहय। कला ह मनखेमन ल बांध के रखे रहय। सबो डहर सांति अउ अन रहय। उही समे म एकझन सुग्घर अकन टुरी आथे अउ हमर समाज, धरम, कला अउ बिग्यान ल कहिथे- मोर ये दुनिया म कोनो नइये। मेहा तुंहरमन के संग रहिके काम करहूं। तब हमर समाज, धरम, कला अउ बिग्यान ह भल ल भल जानिस अउ वो टुरी (राजनीति) ल अपन संग रख लिस। अब का होथे, कुछ दिन सब बने-बने चलिस। वोकर बाद का होथे इन्ही ल हम जम्मो मनखे ल समझे बर परही।
वो टुरी नोहय। वोहा राजनीति आय। तनिक समे बिसरे के बाद वो टुरी अपन रंग ल देखाय लगिस। अपन सातिर दिमाग लगाय लगिस। हमर समाज, धरम, कला अउ बिग्यान ल एक-दूसर ले झगरा (लड़ाय) कराय लगिस। इंकर एकता ल भंग कराय लगिस अउ वोहा अपन मंसा म कामयाब घलो होगे।
आज वो टुरी ह हम मनखेमन के समाज, धरम, कला, बिग्यान ल अपन कैद म कर डरिस अउ मनखे ल बेंदरा कस नचावत हे। जिहां जाबे उहां राजनीति ल पाबे। जम्मो डहर राजनीति दिखथे। समाज, धरम, कला, बिग्यान कहुं दिखई नइ दय, वोमन ल राजनीति ह कैद कर लेहे। राजनीति ह मनखे ऊपर राज करत हे।
कहां हे हमर समाज, कहां हे हमर धरम। का होगे हमर कला ल, जेहा राजनीति के इसारा म नाचथे। बिग्यान ह घलो राजनीति के कहे म (आदेस) काम करथे। अइसे म सबो मनखे ल मिलके चिल्लाय बर लगही- कहां हे हमर समाज, कहां हे हमर धरम, कला, बिग्यान ह? कोनो-कोनो मनखे कहिथें घलो- राजनीति ह दुखपीरा ल कम नइ करय, बल्कि बढ़ाथे। जेकर पाछू हमन भागथन। चलव अभियान चलाबो। राजनीति ल भगाबो। अपन समाज, धरम, कला अउ बिग्यान ल राजनीति के कैद ले अजाद कराबो।
द्य लवकुश साहू, रेंगाकठेरा, राजनांदगांव
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