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रायपुर

कुंवारी पूजा

कहिनी

रायपुरOct 29, 2020 / 04:09 pm

Gulal Verma

कुंवारी पूजा

कुंवारी पूजा

बिहनिया के 7 बजथे कमला ह घर के बुता-काम म बिपतियाये हे। वोकर सास अंगना म बइठ के चाउर निमारत हे। कमला के गोसइया रमेस मुखारी धरे अपन दाई के तीर म गपियात हे। इही बीच म कमला कोठार डहर जाथे। रमेस के दाई देखथे त कहिथे- रमेस जा तो देख ,कमला लकर-धकर कोठार कती गिस हे, का होगे? छीन-छीन म कुछु-कुछु लगे लगथे। रमेस ह कोठार डहर जाके देखथे। दरअसल म कमला के तीसरइया महीना चलत रहिथे। घेरी-बेरी उल्टी होवई म वोहा सिहर गे रहिथे। थोरिक बेर म मुंह ल पानी म धोवा के रमेस ह कमला ल कुरिया म लाथे।
कमला कहिथे- अभी आराम नइ करंव। भीतर के जम्मो बुता बांचे हे। बरतन घलो नइ मंजाय हे। बाहिर ले रमेस के दाई कहिथे- बने नइ लागत होही त कमला ल अराम करन दे। कमला ल सुता के रमेस ह कुरिया ले निकल गे। दाई कहिथे- संसों करे के नोहय बेटा, अइसन बेरा म कोनो-कोनो ल बने उल्टी होय लगथे। फेर रमेस के पहिलावट लइका ए। टूरा होतिस त बने रहितिस। काबर के पहिलावट ह टुूरा हो जाथे त दूसरइया बर संसों नइ रहय। फेर पहिलावटे ह टूरी होगे अउ दूसरइया ह घलो टूरी होगे त ! आखिर बंस ल आघू बढ़ाय खातिर टूरा जरूरी हे। रमेस बीचे म कहिथे- कइसे करंव दाई। न तेहा जानथस न मेहा जानथव के वोकर कोरा म का लइका आही। सिरतोन कहिथस बेटा- पहिली तो डॉक्टरमन टीवी म जांच के बता देवय के नोनी होही के बाबू। आजकल कोनो कुछु नइ बतावंय।
रमेस तोर संगी कालू तो सहर के एकठन अस्पताल म काम करथे। वोकर मेर बात कर। चुपे-चुप मसीन म चेक करके बताही, का लइका हे तेन ल। रमेस अपन संगवारी संग बात करके तीन दिन बाद अस्पताल पहुंच गे। डॉक्टर रमेस ल बताथे के नोनी ए। घर आके दाई ल बताथे। दाई कहिथे- देखे! मोला जउन चीज के डर रहिस तेने होइस। बेटा मेहा तो कहिथंव ऐला गिरवा दे। फेर, कमला ऐकर बर राजी नइ होवय। मोर कोरा दुच्छा रइ जाही कहिके कमला रोये लगथे। वोकर सास कहिथे- कस ओ ये सबला तोरे भलई बर तो कहिथन। एक घंव बात ल मान ले। फेर दूसरइया कुछु होही वोकर बर कुछु नइ कहंन।
कमला घेरी-बेरी इही सोचत रहिथे के मोर कोख म जउन नोनी हे तेला ऐमन भुइंया म आए दिही के नइ। धीरे-धीरे हफ्ताभर बाद कमला के सास रमेस मेर पूछथे- कइसे, कमला मानिस के नइ। अइसे-तइसे सात – आठ दिन होगे। जादा दिन होये म हम कुछु नइ करे सकबो। रमेस कहिथे- अपन कोती ले बने समझा डारे हंव दाई, फेर कुछु कबिबे त मुंह ल उतार देथे। रमेस जबरदस्ती करे लगथे अउ लइका ल गिरवाय खातिर डॉक्टर मेर ले जाथे। लइका गिर जथे, फेर कमला ल ऐकर ले सदमा लग जाथे। वोहा घेरी-बेरी इही सोचत रहिथे के कहु मोर कोख म फेर नोनी आही त ऐमन अइसने उहू ल मार डारहीं। भगवान तेहा तो अन्तरयामी अस। तोर मेर कुछु छुपे नइये। तेहा सब जानथस। मोर बर तो नोनी अउ बाबू म कोनो फरक नइये। फेर, ये दारी मोर कोख म बाबू भेज दे भगवान। नइते यहू दारी मोला लइका के आरो बर तरसे ल परही। भगवान मोर बिनती ल सुन ले।
थोरिक महीना बीते के बाद कमला फेर देह म होथे। इहू पइत रमेस अउ वोकर दाई नोनी ये के बाबू चेक करवाय बर जोजियाथे। फेर, ये पइत कमला के जिद के आगू दूनों हार मान लेथें। जचकी म सुग्घर बाल गोपाल घर आथें। कमला के सास मारे खुसी के सबला निछावर देथे। जउन मन म रहिस तउने होइस। छ_ी-बरही होथे। घर म सब खुसी-खुसी रहे लगथे। नवा बाबू के नाव घलो धरा जाथे। घर म सब मया म वोला कान्हा -कान्हा कहे लगथे। मया दुलार करत कान्हा दू बरिस के हो जाथे। कुंवार नवरात के महीना आथे। जेमा कमला नौ दिन के उपास रखथे। नौ दिन तक पूजा-पाठ पूरा मन ले करथे। आखिरी दिन हवन कराके कुंवारी पूजा कराय खातिर रमेस ल नौ झन नोनी ल आय के नेवता दे बर जोंगथे।
रमेस हव कहिके निकल जाथे। फेर बने बेर हो जाथे घर नइ आवय त कमला ल संसो होय लगथे। दुआरी म निकल के देखथे। फेर दिखय नइ। कमला खोजे बर निकल जथे। कमला देखथे त पूछथे का होंगे हो, अइसन मुंह ल काहे लटकाए हव? रमेस कहिथे- का बतावंव कमला, अपन करनी म आज बड़ पछतावा होवत हे। कमला ल कुछु समझ नइ आवय।
रमेस कहिथे- कुंवारी पूजा बर नौझन नोनी खोजे गे रहेंव। फेर पूरा गांव खोज डारेव सिरिफ आठ झन नोनी मिलिस। उही ल पछतावत हंव। कोनो आज हमर पहिलावट नोनी रहितिस त हमर कुंवारी पूजा सफल हो जातिस। वो बेरा म हमर से बहुत बड़े गलती होगे। जतका जरूरी बाबू हावय ओतके जरूरी नोनी घलो हावय। हमन ल दूनों के भेद नइ करे बर चाही। नोनी के दुकाल म आज घर के पूजा कइसे सफल होही। अइसने कोनो सबझन नोनी ल पेटे भीतरी मार देहीं त दुनिया आगू कइसे बाढ़ही। कहते कहत रमेस के आंखी डबडबा गे।
रमेस के आंखी ले पछतावा के आंसू तर-तर निकलत रहिथे। कमला के मुंह घलो उतर जाथे। थोरिक बेरा म रमेस ल कहिथे- संसो झन करा हो, जउन कर डारे हन तेला लाये तो नइ सकन। फेर, ऐला सुधारे के बुता जरूर कर सकथन। नोनी-बाबू म कोनो भेदझन करंय। ऐकर बर सबला समझाबोन। तभेच हमर गलती ल भगवान ह माफ करही।

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