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बहू नइ, बेटी

locationरायपुरPublished: Oct 29, 2020 04:44:51 pm

Submitted by:

Gulal Verma

नानकीन किस्सा

बहू नइ, बेटी

बहू नइ, बेटी

आलोक ह बहुत खुस रिहिस। वोकर बछरों जुन्ना सपना पूरा होवत रिहिस। आज वोकर दूनों होनहार बेटामन के बिहाव एक बढिय़ा परिवार के दूझन सग्गे बेटीमन के संग होवत रिहिस। बड़े नोनी ह बीपीए पढ़े रिहिस। वोहा एमबीए करे बर चाहत रिहिस। छोटे नोनी ह सीए फाइनल म रिहिस। वोहा अपन पढ़ई ल पूरा करे बर चाहत रिहिस। आलोक ल बेटी के बहुतेच इच्छा (अरमान) रिहिस। भगवान ह वोकर इच्छा ल बहूमन के रूप म पूरा कर दिस।
दूनों बेटे इंजीनियर रिहिन अउ आलोक के सब बात ल मानत रिहिन। वोहा मुंह दिखाई के रसम बर दूठिन लिफाफा बनाय रिहिस। जेमा वोहा उचित रकम भर दे रिहिस। ताकि दूनों बेटीमन के पढ़ई ह पूरा हो सकय। बेटामन ह घलो बचन दे रिहिन। सांझकुन रिसेप्सन म जब दूनों बहूमन पांव छूये बर आइस त वोहा लिफाफे के संग आसीरवाद दिस – दूधो नहावव अउ पुत्रीवती भवो।
दूनों बेटे इंजीनियर रिहिन अउ आलोक के सब बात ल मानत रिहिन। वोहा मुंह दिखाई के रसम बर दूठिन लिफाफा बनाय रिहिस। जेमा वोहा उचित रकम भर दे रिहिस। ताकि दूनों बेटीमन के पढ़ई ह पूरा हो सकय। बेटामन ह घलो बचन दे रिहिन। सांझकुन रिसेप्सन म जब दूनों बहूमन पांव छूये बर आइस त वोहा लिफाफे के संग आसीरवाद दिस – दूधो नहावव अउ पुत्रीवती भवो।
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