दूनों बेटे इंजीनियर रिहिन अउ आलोक के सब बात ल मानत रिहिन। वोहा मुंह दिखाई के रसम बर दूठिन लिफाफा बनाय रिहिस। जेमा वोहा उचित रकम भर दे रिहिस। ताकि दूनों बेटीमन के पढ़ई ह पूरा हो सकय। बेटामन ह घलो बचन दे रिहिन। सांझकुन रिसेप्सन म जब दूनों बहूमन पांव छूये बर आइस त वोहा लिफाफे के संग आसीरवाद दिस – दूधो नहावव अउ पुत्रीवती भवो।