सेहत अउ सुग्घरता बर रामबान हे लीम
स्वास्थ्य

ह मर देस म एक हाना परचलित हे कि 'जे भुइंया लीम के रुख अउ पउधा होथे उहां मउत अउ बेमारी नइ होवय।Ó लीम एक चमत्कारिक पउधा ए। लीम के पउधा के सब्बे कुछु ह हमन बर काम के होथे। जेहा सेहत अउ सुग्घरता बर रामबान हावे।
लीम के उपयोग कतको परकार के बेमारी म करे जाथे। औसधि गुन के सेती आयुरवेदिक दवई म पुरखा जमाना ले उपयोग म चलत आत हे। हमर देस म लीम रूख गांव के मनखेमन के जिनगी के अभिन्न अंग ए।। मनखेमन ऐकर छइंया म बइठके सुख के अनुभव करथें।
लीम के पाना खाय म अब्बड़ करू होथे। लीम ह कईठन बेमारी ले बचाय के संगे-संग मनखे के सुग्घरता ल निखारे म रामबान के काम करथे। लीम के पाना खाय ले, लीम पाना के लेप बनाके लगाय ले किसिम-किसिम के फायदा मिलथे। लीम के पाना चेहरा अउ त्वचा के रंग ल उज्जर करथे अउ जलन या घाव ल घलो ठीक करे म अब्बड़ कारगर माने जाथे। लीम के ताजा पाना या रस ल रोज पिये ले खून साफ होथे। जेकर से त्वचा म निखार घलो आथे। लीम के मुखारी करे ले दांत पीरा म आराम मिलथे। ऐकर संगे-संग दांत म चमक घलो आथे। लीम के पाना ल पानी म चुरो के तेल म घोर के लगाय म चुंदी मजबूत होथे।
छिलका, बीजा म घलो औसधि गुन होथे
लीम पाना ल पीस के पेस्ट बनाके चेहरा म लगाय ले फोरा, फुंसी, खसू अउ दाग-धब्बा ले छुटकारा मिलथे। लीम के पाना से अपन घर म उपचार कर सकत हन। लीम के छिलका, बीजा म घलो बहुतेच औसधि गुन होथे। दांत अउ मसुड़ा के बेमारी म अब्बड़ काम आथे। लीम के डारा के मुखरीनक रूप उपयोग करे जाथे अउ ऐकर से गुहा अउ मसूड़ा के बेमारी ल रोकथे। पुरखा समे ले गांव के मनखेमन जादा उपयोग करथें। लीम के फूल म एक सुग्घर, मीठ, सहद जइसे गंध होथे। मधुमक्खी ल लीम के फूल पसंद हावे। लीम फूल के तेल के उपयोग अरोमाथेरेपी म घलो करे जाथे अउ ऐकर सेती ऐमा सांति परभाव होथे। लीम के रूख के अउ उपयोग हे।
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