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छत्तीसगढ़ी कब बनही राजकाज के भासा

locationरायपुरPublished: Nov 23, 2020 04:04:48 pm

Submitted by:

Gulal Verma

राजभासा दिवस विसेस

छत्तीसगढ़ी कब बनही राजकाज के भासा

छत्तीसगढ़ी कब बनही राजकाज के भासा

28 नवंबर 2007 के छत्तीसगढ़ विधानसभा ह छत्तीसगढ़ी ल राजभासा के दरजा दे खातिर विधेयक पारित करे रहिस। तब ले हमन 28 नवम्बर के दिन ल छत्तीसगढ़ी राजभासा दिवस के रूप म मनाथन। 13 बछर होगे हवय छत्तीसगढ़ी ल राजभासा बने, फेर अब तक राजकाज के भासा नइ बन पाना, ये चिंता के विसय हे।
पाठ्क्रम म छत्तीसगढ़ी भासा ल सामिल करे के मांग कई बच्छर ले उठत हवय, फेर अब तक वो मांग घलो पूरा नइ होय हवय। प्राथमिक स्तर म कक्छा पहली ले पांचवीं तक कम से कम एक विसय छत्तीसगढ़ी ल खच्चित रूप से लागू करे जाय, तेकर बाद धीरे-धीरे आघू बढऩा चाही। फेर, ये दिसा म सारथक पहल अब तक नइ होय हवय। छत्तीसगढ़ी के संग हल्बी, गोंडी, सरगुजिया अउ कुड़ुक म घलो पढ़ई-लिखई के सुरुवात होय बर चाही। जब कोनो राज के भासा, साहित्य अउ संस्करीति के बिकास होही तभे सही मायने म उहां के मनखेमन के बिकास होही।
छत्तीसगढ़ी म सरलता अउ सहजता लाये खातिर देवनागरी लिपि के जम्मो 52 वर्ण के प्रयोग होना चाही। संगे-संग दूसर भासा ले आये सब्द ल ज्यों के त्यों ले बर परही। ऐकर ले छत्तीसगढ़ी के साब्द भंडार घलो बाढ़ही। सब्द भंडार बाढ़े ले भासा के प्रसार अउ व्यापक होही।
विडम्बना ही कहे जाय कि छत्तीसगढ़ी प्रायमरी स्कूल म लागू नइये अउ एमए के कोर्स विस्वविद्यालय म पढ़ाये जात हवय। दूसर विडम्बना ये कि छत्तीसगढ़ी भासा फिलहाल तक रोजगारोन्मूलक नइये। एमए करे के बाद युवामन बेरोजगार घूमत हवय। यदि भासा ह रोजगारोन्मूलक नइ होही तब वो भासा ल कोनो काबर पढ़ही? सवाल यहू हवय कि जब हिन्दी, अंगरेजी, संस्कृत सहित दूसर परदेस के भासा म पढ़े-लिखे युवामन बर रोजगार के अवसर हवय तब छत्तीसगढ़ी भासा के पढ़े-लिखे युवामन बर काबर नइये? यदि छत्तीसगढ़ी म एमए करे युवा ल रोजगार नइ मिल सकय तब ये कोर्स चलाय के का फायदा हे?
छत्तीसगढ़ी ल आठवीं अनुसूची म सामिल करे बर के बात कहे जाथे। परदेस के सांसदमन लोकसभा अउ राज्यसभा म कई बार ये मुद्दा ल उठाइन, बने बुता करिन हवय। फेर, मोर सवाल अतके हवय कि पहिली अपन राज म तो छत्तीसगढ़ी ल राज-काज के भासा बना लव। फेर, आठवीं अनुसूची कोती जाबोन। छत्तीसगढ़ी आठवीं अनुसूची म जब आही तब आही, फिलहाल तो राज-काज के भासा बनाना जरूरी हवय। जेन काम केंद्र के आय, तेकर बर दउड़-धूप अउ जेन काम राज के आय तेकर बर सबो चुप।

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