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गिधवा अउ परसदा के पहिचान हे ‘पहुना चिरई’

locationरायपुरPublished: Jul 26, 2021 04:05:13 pm

Submitted by:

Gulal Verma

आवव मोर गांव

गिधवा अउ परसदा के पहिचान हे ‘पहुना चिरई’

गिधवा अउ परसदा के पहिचान हे ‘पहुना चिरई’

बिलासपुर- रायपुर रास्टीय रद्दा-130 के बीच म बेमेतरा जिला के तहसील नांंदघाट हे। इहां ले बुड़ती डहर मुंगेली रद्दा म डेढ़ कोस दूरहा म दूठन गांव गिधवा अउ परसदा हे। गांवमन ह ऐकर सेती चरचा म रहिथे काबर कि ये दूनोंगांव के बांधा म हजारों बिदेसी चिरईमन अपन बसेरा बसाथेें। गांव वालेमन बताथे कि इहां चिरईमन जाड़ के दिन म चालीस-पचास बछर ले आथे अउ चार महीना रुके के बाद गरमी म अपन देस चल देथे।
गांव वाले मन कभु चिरईमन ल नुसकान नइ पहुंचा हे। सिकारीमन बन्दुक धर के आवंय, फेर गांव वालेमन ल पता चलिस त चिरईमन के सुंरक्छा सेती सिकारीमन ल मना करवा दिस। चिरई के जानकारमन बताइस कि इहां 143 किसम के चिरई आथे। जेमा कुछ ह इहचे के हरे, कुछ चिरईमन युरोप, बरमा, मंगोलीया, बांग्लादेस ले आथे। कई चिरई तो सरलग चालीस ले पइतालिस दिन उड़ात-उड़ात पहुंचथे। इहां के बांधा म चिरईमन बर चारा भरपूर मातरा म मिल जाथे। इहां के जादा चिरईमन साकाहारी हे, फेर कुछ चिरई मांसाहारी हे। परदेस सरकार ह कुछ दिन पहिली इहां आइस अउ गांव वालेमन के सराहना करिस अउ हर बछर पक्छी महोत्सव मनाय के आस्वासन दे के गिस। काबर कि गांव वालेमन के मया सेती ये चिरईमन के सुरक्छा-संरक्छन हो पाइस।
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