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स्वाभिमान जगाए के एक उदीम

locationरायपुरPublished: Sep 21, 2021 05:01:11 pm

Submitted by:

Gulal Verma

किताब के गोठ

स्वाभिमान जगाए के एक उदीम

स्वाभिमान जगाए के एक उदीम

जागेस्वर परसाद के निबंध पोथी ‘हीरा छत्तीसगढ़’ छत्तीसगढ़ी समाज के स्वाभिमान जगाए के एक जबर उदीम आए। ऐमा 23 ठी लेख ल समोखे गे हाबे। सबो लेख छत्तीसगढ़ी भासा म हावय। जेला पढ़त तन-मन म सोसित छत्तीसगढिय़ा समाज बर अगाध पीरा उमड़थे। छत्तीसगढिय़ामन के अस्मिता अउ स्वाभिमान खातिर छत्तीसगढ़ महतारी के एक हीरा सहिक बेटा जागेस्वर परसादन पाछु 55 बछ्र ले मसाल ऊंचाये हावय। उंकरे सहिक पुरखामन के तियाग, तपस्या अउ समरपन ले आज छत्तीसगढ़ म नवा बिहान आए हावय।
‘हीरा छत्तीसगढ़’ म तइहां के कतकोन पय ल पाठकमन के बीच राखे गे हाबे। जेमा पहिली लेख हमार हीरा छत्तीसगढ़ म लेखक ह मानव जनम ल अनमोल बतावत लिखथे के – जउन छत्तीसगढ़ के माटी अउ संस्करीति म रच-पच जाथे वोहा जरूर हीरा के गुन ल पा जाथे। अउ, जउन छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ी अउ छत्तीसगढिय़ा संग दोगलई करथे, भेदभाव रखथे वोहा पथरा बन के पथरा जाथे हीरा नइ बन पावय। वोमन दिसंबर म जनम धरइया छत्तीसगढ़ के हीरा म संत गुरु घासीदास, जमींदार गोविंद सिंह, पं. सुंदरलाल सरमा, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, धनस्याम सिंह गुप्त, कंगला मांझी, राजा रामानुज सिंहदेव, पं. जगदीस परसाद तिवारी, जयनारायन पांडेय संग रविसंकर सुक्ल, पदुमलाल पुन्नालाल बख्सी, चंद्रिका परसाद पांडेय, हरि ठाकुरजी ल सुरता करे हावय। इही रकम ले माटीपूत के लच्छन, छत्तीसगढिय़ा-गैर छत्तीसगढिय़ा के बीच लछमनरेखा, छत्तीसगढ़ी के दसा अउ दिसा, छत्तीसगढ़ी पत्रकारिता के बिकास यातरा, करजा ले मुक्त होना, छत्तीसगढ़ी समाज के पीछड़ापन के कारन अउ उपाय लेख म लेखक ह बहुत गंभीरता ले कहिथे के- ‘जउन वर्ग या परिवार हीनभावना ले ऊपर उठके सिक्छा अउ संस्कार ल बदले के उदीम करथे उही परिवार (समाज) ह आरथिक, सांस्करीतिक अउ राजनीतिक छेत्र तरक्की घलो करिस।’ आगू वोमन सहकारिता के जननी- छेरछेरा पुन्नी, पोरा-तीजा परब, घानी के बइला, सतसंग, जीवन के असली जातरा, आठ कोसी जातरा जइसन लेख म मनखे ल दुनिया म अवतरे के करमकांड अउ मोक्छ कोति लेगे के रसता देखाये हावय।
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