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पांच पसर पानी ले मुक्ति पाथे पितर ह

locationरायपुरPublished: Sep 27, 2021 04:36:59 pm

Submitted by:

Gulal Verma

संस्करीति

पांच पसर पानी ले मुक्ति पाथे पितर ह

पांच पसर पानी ले मुक्ति पाथे पितर ह

छत्तीसगढ़ के संगे-संग देस म सब्बो कति गनेस बिसरजन पाछू भादो महीना के दूसर पाख सुरू हो जाते जेला पीतर पाख कहे जाथे। ऐला सरधा के पाख घलो कहे जाथे। ये पाख म बड़हर, गरीब सबोमन अपन पुरखामन ल सरधा भाव ले बलाथें अउ पूजा पाठ करके वोकर निमत से भोग कराथे। मानता हे कि ये पीतर पाख म हमर सरग सिधारे पुरखामन जिंकर वंस ल हमन आगू बढ़ावत हंन वोमन धरती म आथेंं।
गरुड़ पुरान म लिखाय हवय कि पीतर ल सिरिफ पांच पसर पानी देय ले घलो वोहा संतुस्ट होके अपन वंस ल चलइया ल आयु, बेटा, यस, मोक्छ, कीरति, पुस्टि बल, वैमव, पसुधन, सुख धन अउ अन्न बाढ़े के असीस देथें। पितर पाख म छत्तीसगढ़ म पितर माने के चलन हवय। पितर ल देवता बरोबर मान देय जाथे। पितर माने बर मरे मनखे के गोसाइन, बेटा, बहू अउ नाती के अधिकार होथे। एक बाप के तीन बेटा होथे त तीनोंमन एक संग नइते अलग-अलग फेर एकेच दिन पितर मानथे। बइसकी के दिन ले पुन्नी के दिन तक अलग अलग दिन पितरमन अपन जुन्ना घर म आथें। पितरमन ल भोग लगाय पाछू सगा सोदर, नता-गोता अउ आस-परोस के आय नेवथार ल खाय-पिये बर देथें। सबोझन ल खवाय-पियाय पाछू पितरमन ल बिदा करथें।
मानथे-गउथे वोमन ल मिलथे आसीस
पीतर खेदा के दिन संझा बेर बूढ़े के बेरा पीतरमन के पूजा-पाठ के हूम-धूप अउ मोहाटी के फूल पतरा ल तरिया म ठंडा करे जाथे। हमर सास्त्र म पितर पानी देवई के महत्व ल बताय हवय। अपन वंस चलइया के पांच पसर पानी पाय ले पितरमन ल तिरिप्ति मिलथे अउ वोमन सांति पाथें। पांच पसर पानी ह उंकर जनम से मरन तक के नान्हे बड़े पाप ल कमती करथे। ऐकरे सेती पितरमन पांच पसर पानी के आसा म पितर पाख म आथें। जउन वोकर वंसज ह मानथे गउनथे वोला असीस देके जाथें अउ जउन नइ माने-गुने वोला सरापा घलो देथें। जउन वंसज ह गरीब के सेवा म धरम काम म लगे रहिथे वोमन ल देख के अबड़ खुस होथें अउ उन्नति, परगति के असीस देथें।
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