रायपुर

छत्तीसगढ़ी कब बनही राजकाज के भासा

राजभासा दिवस बिसेस

रायपुरNov 29, 2021 / 05:20 pm

Gulal Verma

छत्तीसगढ़ी कब बनही राजकाज के भासा

28 नवंबर 2007 के छत्तीसगढ़ विधानसभा ह छत्तीसगढ़ी ल राजभासा के दरजा दे खातिर विधेयक पारित करे रहिस। तब ले हमन 28 नवम्बर के दिन ल छत्तीसगढ़ी राजभासा दिवस के रूप म मनाथन। 14 बछर होगे हवय छत्तीसगढ़ी ल राजभासा बने, फेर अब तक राजकाज के भासा नइ बन पाय हे, ऐहा बढ़ चिंता के बिषय हे।
पाठ्क्रम म छत्तीसगढ़ी भासा ल सामिल करे के मांग कई बच्छर ले उठत हवय, फेर अब तक वो मांग घलो पूरा नइ होय हवय। प्राथमिक स्तर म कक्छा पहली ले पांचवीं तक कम से कम एक विसय छत्तीसगढ़ी ल खच्चित रूप से लागू करे जाय, तेकर बाद धीरे-धीरे आघू बढ़े बर चाही। फेर, ये दिसा म सारथक पहल अब तक नइ होय हवय। छत्तीसगढ़ी के संग हल्बी, गोंडी, सरगुजिया अउ कुड़ुक म घलो पढ़ई-लिखई के सुरुवात होय बर चाही। जब कोनो राज के भासा, साहित्य अउ संस्करीति के बिकास होही तभे सही मायने म उहां के मनखेमन के बिकास होही।
छत्तीसगढ़ी म सरलता अउ सहजता लाये खातिर देवनागरी लिपि के जम्मो 52 वरन (वर्ण) के परयोग होय बर चाही। संगे-संग दूसर भासा ले आये सब्दमन ल ज्यों के त्यों ले बर परही। ऐकर ले छत्तीसगढ़ी के सब्द भंडार घलो बाढ़ही। सब्द भंडार बाढ़े ले भासा के परसार अउ जादा होही।
विडम्बना ही कहे जाय कि छत्तीसगढ़ी प्रायमरी स्कूल म लागू नइये अउ एमए के कोर्स विस्वविद्यालय म पढ़ाये जात हवय। दूसर विडम्बना ये कि छत्तीसगढ़ी भासा फिलहाल तक रोजगारोन्मूलक नइये। एमए करे के बाद युवामन बेरोजगार घूमत हवंय। यदि भासा ह रोजगारोन्मूलक नइ होही तब वो भासा ल कोनो काबर पढ़ही? सवाल यहू हवय कि जब हिन्दी, अंगरेजी, संस्करीत (संस्कृत) सहित दूसर परदेस के भासा म पढ़े-लिखे युवामन बर रोजगार के अवसर हवय तब छत्तीसगढ़ी भासा के पढ़े-लिखे युवामन बर काबर नइये? यदि छत्तीसगढ़ी म एमए करे युवा ल रोजगार नइ मिल सकय तब ये कोर्स चलाय के का फायदा हे?
पहिली अपन राज म छत्तीसगढ़ी ल राज-काज के भासा बना लव। फेर, आठवीं अनुसूची कोती जाबोन। छत्तीसगढ़ी आठवीं अनुसूची म जब आही तब आही, फिलहाल तो राज-काज के भासा बनाना जरूरी हवय।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.