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नइ नदाय हे जांता ह

locationरायपुरPublished: Dec 14, 2018 07:41:49 pm

Submitted by:

Gulal Verma

हमर संस्करीति

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नइ नदाय हे जांता ह

नवा जमाना के संग धीरे-धीरे सब्बो जिनिसमन नदावत हावय। फेर कुछु अइसन जिनिस जेन पुरखा म मिले हावय, जेन ल हमन गंवाय बर नइ चाहंन। काबर तव इंकर महत्ता ह आज ले बने हावय। अइसन जिनिस हावय जांता। पथरा के बने जांता जेहा सरे बर न घुनाय बर। बिन टोरे-फोरे कतकोन बछर ले चलत रइही। जब मन परय तव बउर ले। बिजली रहय चाहे झन रहय, कुछु फरक नइ परय।
जांता म चाउर, गहूं, कनकी, दार, चना, राहेर, उरिद, तिवरा कुछु दर-पिस ले कामेच के जिनिस। ऐकर किंदारे के ह लकरी के बने रहिथे। जेन ल पउवा कहे जाथे। जांता ह सबो पथरा के नइ बनय। ऐकर बर गउंहा पथरा के परयोग करे जाथे। सिंधु घाटी के खनई-कोड़ई म बनेच कन जिनिस मिले रहिस, जेमा पथरा के बने मूरति, कंधी, अइना रहिस। अइसे लागथे के जांता घलो उही समे ले बनाय जावत होही। पहिली समे म छोटे-बड़े सब्बो घर म कम पइसा म जांता मिल जावय। फेर, अब तो अजायबघर म रखे जुन्ना मूरति कस घर-घर म जांता धराय हावय। ढेंकी ह कोनो-कोनो घर म मिल जाही धान अउ छुही कुटे बर। धान कुट्टी, चक्की मिल आय ले ढेंगी अउ जांता ह नदावत हे। ढेंकी तो अब देखे बर नइ मिलय, फेर गांव-गंवई म जांता, सिल-लोढ़ा अउ कोटना ल कतकोन लोगनमन आजो बरउरत हावंय।
पथरा के जांता बने, पिसव चाउर अउ दार।
खावव जी चीला-फरा, कोनो रहय तिहार।
पथरा के जांता बने, पिसव चाउर अउ दार।
खावव जी चीला-फरा, कोनो रहय तिहार।
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