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उड़ जाही हंस अकेला

locationरायपुरPublished: Apr 01, 2019 06:30:56 pm

Submitted by:

Gulal Verma

कहिनी

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उड़ जाही हंस अकेला

माटी के तन माटी म मिल जाही। कतको संभाल राखो इही हंस उडिय़ा जाही। का राजा- रंक के, का अमीर-गरीब के, का डॉक्टर-कलेक्टर के जम्मो गुन इही जग म बगराही। फेर, माटी के तन माटी म मिल जाही। हंस अकेला उडिय़ा जाही।
अब्बड़ उदिम करिन डॉक्टर के परान बाच जाय। जम्मों गरियाबंद के रहिवासी, तीर-तखार के जम्मो गंवई गांव के लोगनमन अपन डॉक्टर के जीव बाच जाय ऐकर सेती अपन-अपन देवता-धामी ल सुमिरन करिन। पराथना सभा करिन के डॉक्टर ह बाच जाय। फेर बिधि के बिधान ताय, जम्मो ओखी ह फेल होगे अउ डॉक्टर के परान पखेरू उडिय़ागे। पंछी परेवा उडिय़ागे। लोगनमन के आंखी म धारे-धार आंसू बोहाय लगिस। हमर डॉक्टर सुवरगवासी होगे। अब हमर इलाज ल कोन करही।
आज बिहनिया ले जम्मो गरियाबंद के दुकान बंद होगे। लोगनमन सोक म समागे। डॉक्टर के गुन के बखान मनखेमन के हिरदय म समागे। का अमीर -गरीब, नेता-अधिकारी कर्मचारी-सियान, लइका-पिचका, माइलोगनमन वोकर दुवारी म जुरियाय लगिन।
मुसलिम समाज के रीति-रिेवाज ले डॉक्टर के तन ल ताबूत म घर के दुवारी म राखिन। लोगनमन के आंखी म आंसू बोहाय लगिस। जात-पात के भेद ले उप्पर मनखे बर देवदूत रिहिस डॉक्टर मेमन ह। दस-बीस रुपिया फीस ले के गरियाबंद के आदिवासी कमार, भुंजिया लोगनमन के इलाज करत रिहिस। अधरथिया म तको मरीज ल देखे बर दूरिहा-दूरिहा गांव रेंग देत रिहिस।
भीड़ म सबो धरम, जात, समाज के मनखे अउ डॉक्टर के परिवार के लोगनमन रिहिन। भीखम के लुगाई ह त गोहार पार के रो डरिस अउ कहे लगिस- हमर डॉक्टर तेहा जी जतेस। अब हमर का होही। हमर लइका-पिचका के इलाज ल कोन करही। दयाबती ह कहे लगिस- डॉक्टर के दे दवई म हमन दू-तीन दिन म बने हो जात रेहेन। डॉक्टर ह हीरा ***** रिहिस। वोकर बोली ह देवता ***** रिहिस। मोर कना डॉक्टर ह काहय – का ओ दाई, बने लागिस, ले अभी कुन पइसा नइ धरे हस त रहन दे। तोर कना जभे पइसा होही त दे देबे। अभेकुन इही दवई ल खा अउ जल्दी बने हो जा। आज इही गोठ ह अब्बड़े सुरता आवत हे। अइसना कहिके गोहार पार के रो डरिस। वोकर गोठ अउ रोवई ल सुन के जुरियाय मनखेमन के छाती ह फटे ***** लागिस। जम्मो लोगन के आंखी म आंसू धारे-धार बोहाय लगिस।
गरियाबंद के लोगनमन अउ तीर तखार के लोगनमन अपन देवता डॉक्टर के अंतिम दरसन करत, वोकर जनाजा म रद्दा म फूल बिछा दीन। जेन डॉक्टर ह जम्मो लोगनमन के परान ल बचात रिहिस, तेन डॉक्टर के परान ल लोगनमन नइ बचा पाइन।
अपन मयारू देवदूत ल बिदा करत, हिरदय म पथना रख डरिन। लोगनमन ल मया करइया, सबो के मयारूक डॉक्टर मेमन ह देवदूत रिहिस। अपन देव लोक म रेंग दिस। माटी के तन माटी म मिलगे अउ जीव ह उडिय़ागे।

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