शासन की ओर से पैरवी करते हुए जिला अभियोजन अधिकारी हीना खान ने बताया कि ओडिशा की कंपनी ग्रीन रे चिटफंड कंपनी ने 2013 में मोतीबाग चौक में अपने कंपनी का दफ्तर खोला था। एजेंटो के माध्यम से प्रचारित कराया कि कंपनी में रकम जमा करने पर कई गुना रकम वापस लौटाई जाएगी, लेकिन मैच्युरिटी होने के पहले ही डायरेक्टर 2014 में अपना सामान समेटकर फरार हो गए। शिकायत पर गोलबाजार पुलिस ने धोखाधड़ी और चिटफंड कंपनी अधिनियम के तहत जुर्म दर्जकर आरोपी अयुब खान को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया।
देशभर में कंपनी ने खोला दफ्तर
ग्रीन रे चिटफंड कंपनी ने ओडिशा, बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दिल्ली, झारखंड व पश्चिम बंगाल में अपनी शाखाएं खोली। साथ ही वहां एजेंटों के माध्यम से 100 करोड़ रुपए का निवेश कराया। वहीं राजधानी रायपुर और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में 15 करोड़ रुपए निवेश करावाया। रकम जमा कराने के बाद कुछ दिनों तक निवेशकों को ब्याज की राशि वापिस लौटाई ताकि लोगों को झांसा दिया जा सके।
फरार आरोपियों की तलाश
जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि ग्रीन रे चिटफंड कंपनी मूल रूप से ओडिशा के बालासोर जिले की है। इस कंपनी में चार अन्य डायरेक्टर भी है। वह 2014 में गोलबाजार थाना में एफआईआर और तत्कालीन एसपी ओपी पाल के पास शिकायत पहुंचते ही फरार हो गए।