साक्ष्य के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ में है सजा का प्रावधान
किसी भी इलेक्ट्रानिक साक्ष्य और उसके मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ कर उसे बदलना अपराध है। साथ ही टेम्परिंग कर किसी दूसरे को उसमें शामिल करने और उसे सार्वजनिक करने पर आईटी एक्ट से साथ ही धारा 67 की विभिन्न धाराओं और अन्य उपधाराओं के तहत 3 से 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। गौरतलब है कि अश्लील सीडीकांड में प्रकाश बजाज की शिकायत पर विनोद वर्मा और मंत्री की ओर से कराई गई शिकायत में भूपेश बघेल और विनोद वर्मा के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज है।
आरोपियों की नहीं होगी गिरफ्तारी
अश्लील सीडीकांड में सीबीआइ अफसरों द्वारा किसी को भी गिरफ्तार नहीं किए जाने के संकेत मिले है। उन्हे कोर्ट से सम्मन भेजकर उपस्थित दर्ज कराने कहा जाएगा। बताया जाता है कि जांच के दौरान बड़े रखूखदारों और कांग्रेस व भाजपा नेताओं के नाम सामने आने के बाद नई रणनीति बनाई गई है। इसे देखते हुए सीबीआइ भी किसी तरह के विवादों में नहीं उलझना चाहती है। गौरतलब है कि प्रदेश में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले है।
मामले की जांच जारी
सीबीआइ प्रवक्ता आरके गौर ने बताया कि इस मामले की जांच चल रही है। छानबीन के दौरान आरोपियों के नाम सामने आने पर उनके खिलाफ भी जुर्म दर्ज किया जाएगा। साथ ही साक्ष्य के आधार पर अतिरिक्त धारा भी लगाई जा सकती है। इसका फैसला वर्तमान स्थिति को देखते हुए लिया जाएगा।