मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तृतीय अनुपूरक मांगों पर सदन में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य के तृतीय अनुपूरक बजट में प्रदेश के किसानों, महिलाओं एवं बच्चों सहित सभी वर्गो के हित में प्रावधान किए गए हैं।राज्य के कुल बजट में से 77.8 प्रतिशत व्यय विकास मूलक कार्यो पर किया जा रहा है।
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इसी तरह प्रदेश के बजट में से 46.1 प्रतिशत व्यय सामाजिक क्षेत्र पर किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। राज्य की कुल ऋण देयता जीएसडीपी का 21.68 प्रतिशत और ब्याज भुगतान राजस्व प्राप्तियों का 5.9 प्रतिशत है, जो सभी राज्यों से न्यूनतम है। इसी प्रकार कुल बजट में से कमिटेड व्यय मात्र 19.3 प्रतिशत है, जो की सभी राज्यों से न्यूनतम है। उन्होने तृतीय अनुपूरक बजट के मुख्य प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम अंश हेतु 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह प्रदेश के बजट में से 46.1 प्रतिशत व्यय सामाजिक क्षेत्र पर किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। राज्य की कुल ऋण देयता जीएसडीपी का 21.68 प्रतिशत और ब्याज भुगतान राजस्व प्राप्तियों का 5.9 प्रतिशत है, जो सभी राज्यों से न्यूनतम है। इसी प्रकार कुल बजट में से कमिटेड व्यय मात्र 19.3 प्रतिशत है, जो की सभी राज्यों से न्यूनतम है। उन्होने तृतीय अनुपूरक बजट के मुख्य प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम अंश हेतु 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
इसे भी पढ़ें :- 31 मार्च के बाद आखिर क्या होगा BS4 गाड़ियों के बचे हुए स्टॉक का… तो चलिए जानते है वो सबकुछ मुख्य बजट की राशि मिलाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रीमियम के लिए कुल 516 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि ट्रेक्टर व स्ट्रॉबेलर की खरीदी के लिए 2 करोड़ 87 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल कटाई के बाद खेत में बचा पैरा निकालने के लिए हर विकासखण्ड में स्ट्रॉबेलर की व्यवस्था करने की योजना है।
इसे भी पढ़ें :- प्रेमी हुआ हैवान… प्रेमिका की पिटाई कर मुंह को टेप-झिल्ली और हाथ-पैर बांध किया दुष्कर्म किसान खेत में बचे पैरा को जलाते हैं, इससे प्रदूषण होता है। स्ट्रॉबेलर की मदद से इस पैरे को इकठ्ठा कर गौठान में लाकर पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जा सकेगी। पर्यावरण प्रदूषण से बचा जा सकेगा और जमीन की उर्वरा शक्ति भी बची रहेगी।