रायपुर

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: कांग्रेस से टिकट के दावेदारों को देना पड़ा बगावत न करने का शपथपत्र

कांग्रेस ने भितरघात से निपटने के लिए नया उपाय निकाला है। राज्य की विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे के इच्छुक दावेदारों को इस आशय का शपथपत्र भी देना पड़ा है कि वो पार्टी के साथ गद्दारी नहीं करेंगे।

रायपुरAug 23, 2018 / 01:12 pm

Ashish Gupta

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आवेश तिवारी/रायपुर. भाजपा के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के दांव पेंचो से लड़ रही कांग्रेस ने भितरघात से निपटने के लिए नया उपाय निकाला है। राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे के इच्छुक दावेदारों को इस आशय का शपथपत्र भी देना पड़ा है कि वो पार्टी के साथ गद्दारी नहीं करेंगे। साथ ही साथ पार्टी अगर किसी को उम्मीदवार घोषित कर देती है तो उसके खिलाफ प्रचार नहीं करेंगे।

जोगी के दांव पेंच से भी लड़ेगी कांग्रेस
मौजूदा विधानसभा में कांग्रेस पार्टी को कई बार अपने विधायकों के विश्वासघात से जूझना पड़ा है। 2014 के उपचुनाव में पार्टी द्वारा घोषित किये गए उम्मीदवार मंतुराम द्वारा अंतिम समय में नाम वापस लेने की चर्चा आज भी होती है। चुनाव पूर्व इस बात को लेकर भी चर्चा जोरों पर है कि अगर टिकट बंटवारे के बाद कई असंतुष्ट जोगी कांग्रेस की शरण में जा सकते हैं। हालांकि कांग्रेस के लिए यह तात्कलिक राहत की बात है कि पिछले एक महीने के दौरान अजीत जोगी की जनता कांग्रेस से कई बड़े नेता वापस कांग्रेस में लौटे भी हैं इनमे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष द्वारिका साहू, संस्थापक सदस्य डॉ. चंद्रिका साहू, पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह, पूर्व विधायक योगिराज सिंह, कोरिया जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती आदि शामिल है लेकिन इन नेताओं के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ़ कर दिया है कि किसी भी पैराशूट नेता को टिकट नहीं दिया जाएगा। फिर यह नेता क्या करेंगे यह भी सोचने का विषय है ।

टिकटों को लेकर विवाद शुरू
नेताओं से जो शपथपत्र लिया गया है उसमे साफतौर पर लिखा है कि ‘मैं शपथ पूर्वक वचन देता हूं कि कांग्रेस पार्टी द्वारा मेरे विधानसभा क्षेत्र में जिस किसी को भी पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बनाया जाएगा, उसके पक्ष में पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से काम करूंगा’। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध न तो निर्दलीय या अन्य दल से चुनाव लड़ूंगा और न ही पार्टी विरोधी कार्य करूंगा। यह सच्चाई है कि टिकट के वितरण को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर बवाल शुरू हो चुका है। पार्टी में एक एक सीट से 12 से 15 उम्मीदवार अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं।

इस बीच राजधानी रायपुर में दर्जनों पार्षदों और पदाधिकारियों ने रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट के लिए प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को पत्र लिखकर कहा है कि अगर विकास उपाध्याय के अलावा किसी और को उम्मीदवार बनाया जाएगा तो हम सहयोग करेंगे। राजनांदगांव की डोंगरगांव सीट पर दावेदारी को लेकर मारपीट तक हो चुकी है वही दुर्ग में भिलाई नगर सीट पर फर्जी लोगों को बूथ अध्यक्ष बना कर समर्थन में लाने का मामला भी सामने आया है। ऐसे में यह सवाल बार बार उठता है कि शपथपत्र लेकर उम्मीदवारों पर कितना दबाव बनाया जा सकेगा।

भितरघात का शिकार होती रही है कांग्रेस
नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा है कि यह शपथपत्र दावेदारों को चुनने की रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल कहते हैं कि जो लोग पार्टी के प्रति निष्ठावान होंगे उन्हें इस तरह का शपथपत्र देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। गौरतलब है कि 2013 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद भी कांग्रेस पार्टी बड़े पैमाने पर भितरघात का शिकार हुई है। जानकारों की माने तो ऐसे शपथपत्र मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी लिए जा रहे हैं जहां छत्तीसगढ़ के साथ-साथ चुनाव होने हैं।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि पार्टी के प्रति निष्ठावान रहना ही चाहिए टिकट एक ही को मिलता है दावेदार कई होते हैं।

कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा कि यह शपथपत्र जो प्रोफार्मा है उसका ही एक हिस्सा है, इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

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