राज्यपाल ने कर्जमाफी, धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने, बस्तर के आदिवासियों को टाटा के लिए अधिगृहीत भूमि वापस करने, झीरम घाटी नरसंहार की जांच के लिए एसआइटी के गठन और पांच डिसमिल से कम जमीन की रजीस्ट्री से जुड़ी कई घोषणाओं की बात की।
राज्यपाल ने कांग्रेस के जनघोषणापत्र में शामिल दर्जनों वादों को भी सरकार के उददेश्य के रूप में पेश किया। लेकिन शराबबंदी और बेरोजगारी भत्ते जैसे वादे पर पूरे अभिभाषण में एक शब्द भी नहीं कहा गया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, शराबबंदी को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की गई थी, लेकिन इस नीतिगत विषय को भाषण में नकार दिया गया। बिजली बिल हाफ करने की बात कहीं थी लेकिन आज के भाषण में उसकी झलक तो दिखती कि सरकार ने आने वाले दिनों में इसके क्रियान्वयन कैसे करेगी।
सीएम ने कहा उतावले क्यों हो रहे हैं?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कांग्रेस सरकार जिस गति से काम कर रही है उसे विपक्ष पचा नहीं पा रहा है। 15 साल तक राज करने वाले रमन सिंह 15 दिन भी इंतजार नही कर पा रहे हैं। अभिभाषण में किसानों की ऋणमाफी का उल्लेख, 2500 रुपये क्विंटल में धान खरीदी का उल्लेख, झीरम घाटी नक्सल हमले में एसआइटी का गठन, पत्रकार, वकीलों और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बनाये जाने वाले कानून का जिक्र किया है। अभिभाषण पर चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने 9, 10 और 11 जनवरी निर्धारित किया है।