scriptकोडीन सिरप खपाने का हब बन रहा छत्तीसगढ़, फॉर्मा कंपनी सहित 100 दवा दुकानदारों को नोटिस | Chhattisgarh become new hub of Codeine syrup, 100 notice issued | Patrika News

कोडीन सिरप खपाने का हब बन रहा छत्तीसगढ़, फॉर्मा कंपनी सहित 100 दवा दुकानदारों को नोटिस

locationरायपुरPublished: Dec 28, 2019 12:28:59 pm

Submitted by:

Prashant Gupta

खुलासा- बीते दो महीने से जारी है औषधि प्रशासन विभाग का जांच, ग्रामीण अंचलों में हो रही सबसे ज्यादा सप्लाई
– फॉर्मा समेत 100 से अधिक मेडिकल स्टोर संचालकों को नोटिस
– कोडीन सिरप एच-वन शेड्यूल में शामिल, ताकि दुरप्रयोग को रोका जा सके, डॉक्टरी पर्ची पर ही बेचने सकते हैं
– हजारों शीशी हिमाचल से पहुंची रायपुर, डीलर ने जिन्हें बेचना बताया, उनके पास पहुंचा ही नहीं स्टॉक

रायपुर. प्रदेश में कोडीन सिरप बड़ी मात्रा में खपाई जा रही है। इसमें बड़ी फॉर्मा कंपनी समेत दवा दुकानदार लिप्त हैं। इन सबसे विरुद्ध बीते दो माह से लगातार जांच जारी है। इस दौरान अब तक प्रदेश की एक बड़ी फॉर्मा कंपनी और 100 दवा दुकानदारों को नोटिस जारी हो चुका है। इन्हें आदेश दिए गए हैं कि हर महीने के अंत में स्टॉक रजिस्ट्रर, लेन-देन की संपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करेंगे।

विभागीय अफसरों के मुताबिक कोडीन के सिरप जो अब तक जांच में जब्त हुए हैं वे हिमाचल प्रदेश के भ²ी में बने हैं।पत्रिका को मिली जानकारी के मुताबिक मौदहापारा में दो महीने पुलिस द्वारा दो महीने पहले पकड़ी गई कोडीन की एक छोटी खैप पर इंवेस्टीगेशन करते हुए राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम दुर्ग स्थित चौहान मेडिकल स्टोर और हेल्थ क्योर बायोटेक में दबिश दे चुकी हैं।
यहीं से पूरे राज्य में कोडीन सिरप सप्लाई होने की जानकारी सामने आई थी। लेकिन इन दोनों संस्थानों में ताला जड़ा हुआ मिला और संचालक फरार हैं। इनके लाइसेंस र² किए जा चुके हैं।चैन पर निगरानी- भ²ी में बने सिरप को कंपनियां प्रदेश के बड़े डीलर को भेजती हैं और वे फिर अन्य डीलरों के माध्यम से छोटे-बड़े दुकानदारों को सप्लाई करते हैं। भ²ी की फर्म, बड़े डीलर के पास दस्तावेज मिले हैं लेकिन इन्होंने जिन्हें सप्लाई करना बताया उनके पास से दवा मिली ही नहीं। यही सबसे बड़ा संदेह पैदा कर रहा है, इस पर ही जांच जारी है। –

सिरप में 10 मिलीग्राम से अधिक कोडीन की मात्रा, अपराध-

कफ सिरप जिसमें कोडीन फास्फेट की मात्रा 10 मिलीग्राम या उससे अधिक होती है, उसकी बिक्री तो छोडि़ए परिवहन भी प्रतिबंधित है। कोडीन फास्फेट नामक पदार्थ मिश्रित कफ सिरप के परिवहन को नारकोटिक ड्रग व साइको टॉपिक सबस्टेंस एक्ट (एनडीपीएस) के तहत अपराध माना जाता है।

क्या कहते हैं डॉक्टर-बहुत मरीज आते हैं जो यह बताते हैं कि वे दिन में दो-दो, तीन-तीन बोतल तक कोडीन सिरप पी जाते हैं। बिल्कुल, यह एक प्रकार के नशे का काम करता है। यह हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचाता है, ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है। आप यह समझिए कि शरीर के सभी प्रमुक अंगों को नुकसान पहुंचता है। इसमें कोडीन है इसलिए यह दर्द निवारक का काम भी करता है। यानी कि दर्द को मस्तिष्क तक पहुंचने नहीं देता। युवा पीढ़ी को जागरूक करने की जरुरत है, क्योंकि वे ही इसके सबसे बड़े टॉरगेट हैं।

डॉ. अब्बास नकवी, सीनियर फिजिशियन

यह एक पूरी चैन है जिसके जरिए यह सिरप लोगों को मुहैया करवाया जाता है। इसे ही एक्सपोज किया जा रहा है। इंवेस्टीगेशन जारी है, इसलिए सभी जानकारी नहीं दी सकती।

राजेश क्षत्रीय, सहायक औषधि नियंत्रक, राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग

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