सूत्रों की माने तो मुख्य बजट में 3 फीसदी तक की कमी हो सकती है, जबकि हर साल बजट का आकार करीब 6 फीसदी के आसपास बढ़ता रहा है। इन सब के बीच आगामी वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास पर मुख्य फोकस रहने की उम्मीद है। इसके अलावा आईटी के साथ गवर्नेंस को लेकर भी बजट में प्रावधान किए जा सकते हैं। विकास को लेकर सड़क, बिजली और पानी पर फोकस हो सकता है।
उम्मीद है कि लाइट मेट्रो परियोजना के डीपीआर तैयार करने के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों को मुख्यालय से जोडऩे के बाद बस दौड़ने के लिए भी जरूरी प्रावधान के उम्मीद है।