सीएम भूपेश ने कृषि कानून का विरोध किया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने 3 काले कानूनों के बारे में कहा कि कुछ राजनीतिक दल दलालों के पक्ष में बात कर रहे हैं। ये बिल किसानों के लिए नहीं बल्कि पूँजीपतियों के लिए है। यह बिल आम उपभोक्ताओं के खिलाफ है, किसान विरोधी है। ये किसान विरोधी ही नहीं आम उपभोक्ता विरोधी भी है।
महाराज पर CM भूपेश का हमला, बोले – लोकसभा में हार के बाद सिंधिया का मानसिक संतुलन बिगड़ गया उन्होंने कहा, सरकारें तभी कार्यवाही कर सकती है जब देश में युद्ध की स्थिति हो, अकाल की स्थिति हो और तीसरा जब रेट में 100% की वृद्धि हो जाए यानि 99.99% वृद्धि तक राज्य सरकारें या केंद्र सरकार कुछ नहीं करेगी। जब 100% से ऊपर हो जाए तब कार्यवाही कर सकेगी।
मुख्यमंत्री भूपेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बोले, प्रधानमंत्री जी आपकी सरकार ही दलालों की सरकार है, आप विपक्ष पर आरोप मत लगाइए। ये पूंजीपतियों के लिए बनी सरकार है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन आपने नहीं बनाए लेकिन आप उन्हें बेचने का काम जरूर कर रहे हैं। यह सरकार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से किसानों की सारी जमीन हड़प लेना चाहती है, जिससे किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, लॉकडाउन में लाखों लोग सड़कों पर थे, अकेले बिहार में 30 लाख से अधिक लोग वापस आए। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कहते रहे कि हम रोजगार देंगे किसी को बाहर जाने की जरूरत नहीं है, लेकिन बिहार वापस आए सभी लोग फिर से पंजाब जाने को बाध्य हो गए।
प्याज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए, तय किया स्टॉक लिमिट सीएम भूपेश ने भाजपा-जदयू और लोजपा के रिश्ते पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, यदि NDA का गठबंधन है तो NDA से चिराग को बाहर क्यों नहीं किया गया? कल प्रधानमंत्री जी ने एक भी शब्द उनके बारे में क्यों नहीं कहा? अपने ही साथी को ठगने का काम ये लोग कर रहे हैं। ये गठबंधन नहीं ठगबंधन है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, इन क़ानूनों को लेकर मैं फिर से बताना चाहता हूँ कि जो कानून इन्होंने बनाए, दरअसल यह सब शांता कुमार की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। जिसमें कहा गया कि जो राज्य अनाज पर बोनस दे उसके यहाँ से FCI अनाज नहीं खरीदेगी और इसका जीता-जागता उदाहरण है ‘छत्तीसगढ़’।
यह सरकार कहती है कि FCI की भूमिका सीमित कर देनी चाहिए, MSP बंद कर देनी चाहिए, PDS सिस्टम (जिससे गरीब को राशन मिलता है) को बंद कर देना चाहिए। ये सारी व्यवस्थाएं केवल पूँजीपतियों को लाभ देने के लिए की जा रही हैं।