बिजली की अनुपलब्धता या कम वोल्टेज के कारण महत्वपूर्ण वैक्सीन के प्रशीतन और भंडारण को प्रभावित करने वाले इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए कोई समस्या नहीं है, जिन्हें 24x7 बिजली की आपूर्ति मिलती है.
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) के मुख्य अभियंता संजीव जैन ने बताया कि राज्य में लगभग 790 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत हैं और उनमें से कई को नियमित रूप से बिजली की कटौती का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए अब इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों को सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कोविड -19 महामारी के दौरान जीवन रक्षक दवाओं को स्टोर और रेफ्रिजरेट करने की आवश्यकता पर ध्यान दिया गया.
उन्होंने कहा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, राज्य भर में अब कुल 1,432 सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में 457 मेगावाट की कुल क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र हैं. यह प्रति वर्ष 66,72,200 kWh बिजली पैदा करता है.
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं. इसी तरह, क्रेडा ने स्कूलों, सरकारी भवनों, आदिवासी छात्रावासों, वन विश्राम गृहों और घरों में 6.7 मेगावाट सौर ऊर्जा के साथ-साथ कृषि, पेयजल और शीत भंडारण के लिए सौर पीवी स्थापित किया है और प्रभावी संचालन और नियमित रखरखाव के लिए कदम उठाए गए हैं. .