नक्सलियों के इस तरह खतरनाक धमकी भरे फरमान के बाद भी माडेंदा गांव के ग्रामीण मतदान कर लोकतंत्र के इस कत्र्तव्य को निभाया है। गांव के 263 ग्रामीण मतदाताओं ने मतदान किया। अति संवेदनशील इलाका होने के कारण यहां वोटिंग सुबह 7 बजे से 3 बजे तक हुआ।
यहां नहीं हुआ वोटिंग
दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के हांदावाड़ा मतदान केन्द्र क्रमांक 1 में दोपहर 3 बजे तक एक भी मतदान नहीं हुआ। जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर यह मतदान केन्द्र बीहड़ नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है, जहां पिछले चुनाव में भी सबसे कम वोट डाले गए थे। जानकारी के अनुसार, हांदावाड़ा ऐसा गांव है, जहां मतदान दल को माओवादी संवेदनशीलता के कारण नहीं भेजा जाता है।
उस गांव के लिए हर चुनाव में लगभग 12 किलोमीटर दूर पोलिंग बूथ बनाया जाता है। इतनी दूरी तक मतदाता पैदल चलकर आते हैं। लेकिन उनकी संख्या काफी कम होती है। इस चुनाव में अभी लगभग साढ़े 12 बजे तक एक भी मतदान नहीं हुआ है जबकि यहां कुल 1010 मतदाता हैं।