छत्तीसगढ़ में त्योहारी सीजन में फिर बढ़े कोरोना के मरीज, एक्टिव मरीज 25 हजार के पार
धान खरीदी के लिए राज्य सरकार को करीब 4.75 लाख गठान बारदानों की जरूरत है। एक गठान में करीब 500 बारदाने होते हैं। हर साल धान खरीदी के लिए 50 फीसदी नए और 50 फीसदी पुराने बारदानों का उपयोग किया जाता है। इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से कोलकाता में अधिकांश जूट मिलों में उत्पादन प्रभावित हुआ है।पिछले साल भी 1 दिसम्बर से खरीदी
अधिकारियों का कहना है कि 1 दिसम्बर से धान की खरीदी होने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी। पिछले वर्ष भी 1 दिसम्बर से ही धान की खरीदी शुरू की गई थी।
खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की तय गाइडलाइन के मुताबिक प्लास्टिक के बारदानों की खरीदी की जा रही है। जैम पोर्टल के माध्यम से निजी कंपनियों से खरीदी होगी।
किसान नेता डॉ. संकेत ठाकुर का कहना है कि जरूरत वाले किसानों ने मंडी में धान बेचना शुरू कर दिया है। रायपुर मंडी में ही धान की आवक हो रही है। किसान 1200 से 1400 प्रति क्विंटल की दर से धान बेचने को मजबूर हो रही है। यह स्थिति लगभग प्रदेशभर में बन रही है।