इससे पहले भाजपा विधायक दल ने एक दिन के सत्र पर कड़ी आपत्ति जताई है। विधायक दल ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर राज्यपाल अनुसुईया उइके और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से मुलाकात की। भाजपा विधायकों का कहना है, एक दिन की कार्यसूची में राज्यपाल का अभिभाषण और धन्यवाद प्रस्ताव रखा गया है। तकनीकी रूप से ऐसा संभव नहीं है। अभी तक कभी भी ऐसा नहीं हुआ।
संवैधानिक संस्थाओं का मजाक नहीं बनने देंगे
राज्यपाल से मुलाकात के बाद विधायक अजय चंद्राकर ने बताया कि विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण, 126वें विधानसभा संशोधन और राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। हमारी आपत्ति इस बात को लेकर है कि आज तक किसी विधानमंडल में एक दिन में राज्यपाल के धन्यवाद प्रस्ताव को पारित नहीं किया गया है। संशोधन देना विपक्ष का अधिकार है। संशोधन हमेशा सचिवालय में जाता है। वहां उसका परीक्षण होता है। फिर वो सदस्य को वितरित होता है। इसके बाद चर्चा का समय तय होता है।
बताया जा रहा है कि सरकार राज्यपाल का दो बार अभिभाषण कराएगी। यह सही नहीं है। यह सरकार संवैधानिक संस्था को मजाक समझ रही है। इस विषय पर राज्यपाल और अध्यक्ष का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। चंद्राकर ने कहा, विधानसभा का विशेष सत्र एक दिन में खत्म करने की जल्दी क्या है? हम अनुमोदन करने को तैयार है, लेकिन एक दिन में यह सब करना सही नहीं है।
उन्होंने कहा, बजट सत्र सामने हैं, निरंतरता में इसे किया जा सकता है या फिर इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करने वालों में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, ननकीराम कंवर, नारायण चंदेल आदि शामिल थे।