scriptकोरोना संदिग्धों का होगा रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट, सरकार ने किट खरीदी को दी मंजूरी | chhattisgarh government approves kit purchase of rapid antibody test | Patrika News

कोरोना संदिग्धों का होगा रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट, सरकार ने किट खरीदी को दी मंजूरी

locationरायपुरPublished: Apr 06, 2020 07:39:45 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

अब मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को किट खरीदी की अनुमति दे दी है। इस किट का इस्तेमाल कोरोना हॉट स्पॉट में किया जाएगा, जैसे अभी कोरबा अंतर्गत कटघोरा है। सरकार ने रैपिट किट खरीदी की मंजूरी दी है।

रायपुर. इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने देश में कोरोना की जांच के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट को मंजूरी दे दी है। जिसका राज्य को इंतजार था, क्योंकि कई बार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव केंद्र से इसकी मांग कर चुके थे। अब मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को किट खरीदी की अनुमति दे दी है। इस किट का इस्तेमाल कोरोना हॉट स्पॉट में किया जाएगा, जैसे अभी कोरबा अंतर्गत कटघोरा है।

सरकार ने रैपिट किट खरीदी की मंजूरी दी है। सूत्र बताते हैं कि 24 घंटे में प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश भी दिए हैं। यही वजह है कि मंगलवार को कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए गठित तकनीकी कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी, इसके बाद क्रय समिति। जानकारी के मुताबिक मंगलवार की शाम या फिर बुधवार को खरीदी के औपचारिक आदेश जारी हो सकते हैं। उधर, जानकारी के मुताबिक आईसीएमआर खुद 50 लाख रैपिड खरीद रही है।

पढि़ए, दोनों टेस्ट में अंतर-

अभी हो रहे हैं स्वाब आधारित टेस्ट- एम्स और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में कोरोना संदिग्ध मरीजों का आरएनए-पीसीआर टेस्ट हो रहा है जो स्वाब आधारित है। इसमें खखार के नमूने लेकर जांच होती है। इसकी रिपोर्ट आने में कम से कम ६ घंटे का वक्त लगता है। एक टेस्ट का खर्च करीब १५०० रुपए है। हर व्यक्ति का सैंपल लेना,जांच करवाना इसलिए भी संभव नहीं है क्योंकि राज्य और देश में न लैब हैं न मैनपॉवर।

ब्लड आधारित टेस्ट- यह ब्लड आधारित टेस्ट होता है, जैसे हम सुगर टेस्ट करते हैं। अंगुली में सुई चुभोकर। जिसकी रिपोर्ट २०-३० मिनट में आ जाती है। इसके लिए लैब में टेस्ट लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें यह देखा जाता है कि शरीर में कोरोना वायरस से लडऩे के लिए एंटी बॉडी काम कर रहे हैं या नहीं।

इन लोगों का होगा रैपिड टेस्ट- रैपिड किट का इस्तेमाल क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए संदिग्धों, विदेश से लौटे नागरिकों और लॉक-डाउन की वजह से ठहराए गए लोगों पर होगा। साथ ही संदिग्ध बस्तियों में। साथ ही उन पॉजिटिव मरीजों के परिजनों पर भी। बतां दें कि एक टेस्ट की लागत 500 रुपए के करीब आती है।

विदेश से आए 2085 लोग, अभी तक कुल जांच हुई 1949

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कई बार यह दोहराया है कि केंद्र से कम संख्या में जांच किट मिल रही हैं। इसलिए जांच कम हो रही हैं। जानकारों की मानें तो जांच कम होने से केस भी कम रिपोर्ट हो रहे हैं। प्रदेश में विदेश से आने वालों का डेटा २०८५ है, जबकि हमारे यहां अभी कुल 1949 ही टेस्ट हुए हैं। राज्य विदेश से आने वाले सभी नागरिकों का कोरोना टेस्ट नहीं कर पाया है, क्यों किट कम हैं। रैपिड किट से सभी की जांच संभव होगी।

शासन की तरफ से किट खरीदी को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन उसके पहले तकनीकी कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। 24 घंटे के अंदर तमाम प्रक्रिया पूरी करनी हैं।
-डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, उप संचालक, चिकित्सा शिक्षा संचालनालय

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो