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इंग्लिश मीडियम स्कूलों के बच्चों का भविष्य अंधकार में, पढ़िए क्या है वजह

locationरायपुरPublished: Jun 05, 2019 09:16:56 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

बीते सत्र से राजधानी (Raipur) के 13 सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम (English medium schools) किया गया था, जिसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत आउटसोर्सिंग पर 1.23 करोड़ रुपए खर्च कर सालभर शिक्षकों और बच्चों के प्रशिक्षण की व्यवस्था बनाई गई थी

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इंग्लिश मीडियम स्कूलों के बच्चों का भविष्य अंधकार में, पढ़िए क्या है वजह

रायपुर. प्रदेश में बीेते सत्र शुरू किए गए इंग्लिश मीडियम स्कूलों (English medium schools) के बच्चों का भविष्य इस सत्र अंधकार में दिखाई दे रहा है। इस सत्र से प्रदेश (Chhattisgarh) के 305 स्कूलों में एक-एक कक्षा का विस्तार हो रहा है और इसके एवज में शिक्षकों की व्यवस्था अब तक नहीं हुई हैं।

सत्र 2018 में प्रदेश के 152 प्रायमरी और 153 मिडिल स्कूलों में इंग्लिश मीडियम से कक्षा पहली और छठवीं की पढ़ाई शुरू कराई गई थी, जिसमें लगभग 7 हजार 500 बच्चों ने सीबीएसई पाठ्यक्रमों (CBSC courses) से पढ़ाई कर सत्र पूरा किया।
जिसमें स्थानीय स्तर पर प्रत्येक स्कूलों में दो-दो शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। वहीं, इस सत्र इनका विस्तार होकर कक्षा दूसरी और सातवीं की शुरुआत होने जा रही है और इसके एवज में बच्चों की बढ़ती संख्या के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है।
इस पर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि विभाग द्वारा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है, जिसमें लगभग 4-5 माह का समय लगेगा, इसके बाद ही शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की जा सकेगी। वहीं, सत्र शुरू होने तक स्थानीय स्तर पर शिक्षकों की व्यवस्था बनाकर अध्ययन-अध्यापन कार्य संचालित करने की बात कही जा रही है। एेसे में आधे सत्र तक बच्चों के लिए अस्थायी व्यवस्था बनाई जाएगी।
प्रायमरी स्कूलों की संख्या152
मिडिल स्कूलों की संख्या153
बीते सत्र में कुल बच्चे7500
इस सत्र संभावित15000
कुल शिक्षकों की संख्या610
राजधानी का पायलट प्रोजेक्ट फेल

बीते सत्र से राजधानी के 13 सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम (English medium schools) किया गया था, जिसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत आउटसोर्सिंग पर 1.23 करोड़ रुपए खर्च कर सालभर शिक्षकों और बच्चों के प्रशिक्षण की व्यवस्था बनाई गई थी।
साथ ही बच्चों के स्तर में सुधार के लिए किट सहित अन्य सामग्रियां भी बांटी गईं थीं। इसके बावजूद समग्र शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के अनुसार इसका कोई खास प्रभाव नहीं देखने को मिला। एेसे में इस प्रोजेक्ट के आगे बढऩे में संशय अब भी बरकरार है।
कक्षा छठवीं और सातवीं में बढ़ेगी समस्या

बीते वर्ष शुरू किए गए स्कूलों में कक्षा पहली से ज्यादा समस्याएं कक्षा छठवीं में देखने को मिली हैं। अधिकारियों के मुताबिक पहली के बच्चे शुरुआत से ही इंग्लिश पढऩे लगे, जबकि कक्षा छठवीं के बच्चों ने पांचवीं तक हिंदी में पढ़ाई की थी। वहीं, इन कक्षाओं में शिक्षकों की व्यवस्था भी पर्याप्त मात्रा में नहीं की गई थी, जिससे आगामी सत्र में भी एक ही शिक्षक छठवीं और सातवीं के सभी विषयों को पढ़ाएगा, जो कि तर्क संगत नहीं दिखाई पड़ता है।
भर्ती प्रक्रिया जारी है

इंग्लिश मीडियम स्कूलों (English medium schools) के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। इसमें 4-5 महीनों का समय लगेगा, तब तक स्थानीय स्तर पर व्यवस्था बनाकर पढ़ाई कराई जाएगी।

-एस. प्रकाश, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय
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