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कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, अभी तक जो बातें सामने आई हैं, वह केवल कयास है कि ऐसी चिट्ठी नक्सलियों ने जारी की है। सरकार तक इस तरह का कोई ऑफर आएगा उसके बाद ही बातचीत हो सकती है। उन्होंने कहा, सरकार पहले भी कह चुकी है कि ऐसी किसी वार्ता के लिए सबसे पहले उन्हें बंदूक छोड़ना होगा। तभी आगे वार्ता हो पाएगी।यह भी पढ़ें: कोरोना की रफ्तार हुई बेकाबू, 24 घंटे में इन दो जिलों में मिले इतने ज्यादा संक्रमित मरीज
सीएम के असम दौरे से लौटने के बाद मिलेगी न्याय की चौथी किस्त
मंत्री चौबे ने सरकार के कर्ज को लेकर कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के 21 हजार करोड़ रुपए नहीं दिए है। सरकार को किसानों को पैसा देना है। इसके लिए कहीं से तो राशि का इंतजाम करना होगा। हमको राजीव गांधी किसान न्याय योजना का भी पैसा देना है। इसकी तारीख लगभग तय है। मुख्यमंत्री असम दौरे से लौट आएंगे उसके बाद किसानों के खाते में चौथी किस्त की राशि का भुगतान किया जाएगा। स्मार्ट सिटी के फंड को रोके जाने पर भी कृषि मंत्री ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मानसिकता छत्तीसगढ़ सरकार को पैसे नहीं देने की है।